मुजफ्फरपुर में लीची व्यापार के लिए दूसरे देश से आ रहे हैं कारोबारी, दुबई भेजी जाएगी लीची

बीते दो वर्ष से कोविड के चलते लीची कारोबारियों (Litchi Business) को लगे नुकसान से इस साल उबरने की उम्मीद है। वैसे तो मंजर लगने के बाद से ही जिले में व्यापारियों का आना-जाना शुरू हो गया था, लेकिन अब लगते ही दूसरे राज्य से लेकर विदेश के कारोबारी बगीचा मालिक से संपर्क साध रहे हैं। लीची उत्पादन (Litchi Business in Muzaffarpur) के लिए नैहर के नाम से प्रसिद्ध जिले के कांठी के व्यापारी बबलू कुमार बताते हैं कि इस साल लिची अच्छी हुई है।‌ इस सीजन हैदराबाद, अहमदाबाद, लखनऊ और नेपाल के काठमांडू के व्यापारी बगीचा मालिक से संपर्क करने में लगे हुए हैं। पुरवा हवा के प्रभाव का असर फल पर पड़ रहा है लेकिन इसके लिए दवा का छिड़काव हो रहा है।

Litchi Business in Muzaffarpur

कांटी निवासी इंजीनियर विजू शेखर जिले की लिची को दुबई भेजने की तैयारी में लगे हुए हैं। दो से 4 किलो का विशेष पैकेज शाही लीची का तैयार किया जाएगा। यहां से लिची पटना भेजी जाएगी फिर वहां से फ्लाइट से दुबई भेजा जाएगा। कुछ किसानों ने लगभग तीन साल पूर्व में दूसरे देशों में लिची का निर्यात किया था।

बता दें कि बिहार का मुजफ्फरपुर लीची उत्पादन के मामले में पूरे देश भर में प्रसिद्ध है। शाही लीची की डिमांड दूसरे मुल्कों से होती है। जिले के लीची को जीआई टैग प्राप्त है। बिहार में टोटल 32 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती होती है। अकेले मुजफ्फरपुर जिले में लीची के बगीचे 12 हजार हेक्टेयर में है।

Litchi Business in Muzaffarpur

बता दें कि पिछले वर्ष बिहार में लीची का कारोबार लगभग एक हजार करोड़ रुपए का हुआ। मुजफ्फरपुर जिले में 400 करोड़ रुपए व्यवसाय हुआ। इस साल ज्यादा बीमार होने की उम्मीद है। राज्य के सीतामढ़ी, वैशाली, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर और कटिहार में भी लीची की खेती होती है।

Kavita Tiwari