Bihar: पटना बनेगा एजुकेशनल हब, तीन विश्वविद्यालयों के लिए जमीन के आवंटन का काम जल्द शुरू

Written by: Kavita Tiwari | biharivoice.com • 20 जनवरी 2022, 9:07 अपराह्न

बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) के मीठापुर (Mithapur) बस स्टैंड का पूरा इलाका जल्द ही एजुकेशन हब (Educational Hub) बनने वाला है, जिसे लेकर सरकार (Bihar Government) ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। इस मामले पर मुख्य सचिव ने पटना जिलाधिकारी को चिन्हित भूखंड का जल्द से जल्द आवंटन करने के निर्देश भी दे दिए हैं। गौरतलब है कि मीठापुर शैक्षणिक हब में 3 नए विश्वविद्यालय (Educational Hub In Mithapur) खोले जाने की संभावनाएं जताई जा रही है।

मीठापुर बनेगा एजुकेशनल हब

एजुकेशनल हब बन रहे पटना के मीठापुर में जल्द ही 3 नए विश्वविद्यालय (3 New University In Mithapur) बनने वाले हैं। फिलहाल किस विद्यालय को कितनी जमीन आवंटित की जाएगी इसका फैसला अब तक नहीं किया गया है। इस फैसले के मद्देनजर जिला प्रशासन को एलाउंसमेंट तय करने की जिम्मेदारी सौंप दी गई है, जिसे लेकर तैयारियां भी शुरू हो गई है।

बता दे बस स्टैंड के क्षेत्र में बन रहे इस नए विश्वविद्यालय के बाद बस स्टैंड को शिफ्ट कर दिया जाएगा, जिसे शिफ्ट करने के बाद मीठापुर में लगभग 17 एकड़ जमीन विश्वविद्यालय के लिए पूरी तरह से खाली हो जाएगी। इस खाली भूखंड को अलग-अलग रूपों में विभाजित किया जाएगा। सरकार की ओर से बनाए गए इस ग्रुप के मुताबिक भूखंड ए और बी में तीन विश्वविद्यालय बनाए जाएंगे।

जल्द होगी जमीनों का आवंटन

इस भूखंड के विभाजन के बाद सभी संस्थाओं के लिए कॉमन सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी, जिसके मद्देनजर इस में आउटडोर स्टेडियम, इनडोर स्टेडियम, स्वास्थ्य केंद्र, फायर स्टेशन, शॉपिंग कंपलेक्स बनाने के प्रस्ताव की भी मंजूरी मांगी गई है। फिलहाल इसका डीपीआर तैयार करने का काम शुरू हो गया है। साथ ही भूखंड के संपूर्ण विकास के लिए इग्नू के क्षेत्रीय सेंटर की चारदीवारी को भी 9 मीटर पीछे करने का प्रस्ताव दे दिया गया है, ताकि बीच की कॉमन हरित पट्टी को और भी चौड़ा किया जा सके।

गौरतलब है कि पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति ने मंगलवार को शिक्षा मंत्री विजय चौधरी से इस मामले में मुलाकात करने का फैसला किया है। विश्वविद्यालय के कुलपति पाटलिपुत्र विद्यालय की जमीन को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की मांग शिक्षा मंत्री के आगे रखने वाले हैं। साथ ही भूमि अधिग्रहण के बाद विश्वविद्यालय को बनाने का काम तेजी से आगे बढ़ाते हुए यूजीसी की मान्यता 12बी को प्राप्त करने की इच्छा भी जताई है, जिससे विश्वविद्यालय को आर्थिक सहयोग मिल सके।

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