जापान सरकार (Japan Government) की एजेंसी जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन (Japan International Corporation के आर्थिक सहयोग से बिहार की इकलौती सड़क परियोजना नेशनल हाइवे-82 (National Highway-82) को बनाने का काम इस वर्ष के दिसंबर तक पूर्ण होने की संभावना है। बता दें कि बीते पांच-छह वर्षों से इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। बिहार राज्य पथ विकास निगम के जिम्मे राष्ट्रीय उच्च पथ-22 (Nation Highway- 82) का निर्माण सौंपा गया है। इसे सड़क परियोजना (New Road Project In Bihar) को बनाने में कुल 2138.16 करोड़ की लागत आ रही है। 800 करोड़ रुपए भूमि अधिग्रहण में खर्च हुए हैं।
जल्द पूरा होगा इन सड़कों का निर्माण कार्य
सड़क कुल 92.93 किलोमीटर लंबी है। पांच जगहों पर एलाइनमेंट के तहत बाईपास का निर्माण करना है। बता दें कि तुंगी, वजीरगंज, नारदीगंज और हिसुआ में बाईपास का निर्माण होना है। गया में भी बाईपास निर्माण करना बाकी है। निर्माण हेतु चार से पांच घरों को ध्वस्त किया जाना है। शेष दो जगहों पर रेल ओवरब्रिज निर्माण की योजना है। रेलवे इस पर मुहर लगाएगी तभी आगे का कार्य शुरू होगा।
यह सड़क बौद्ध सर्किट के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सड़क नालंदा और राजगीर को गया से जोड़ रही है। पर्यटक बोधगया होते हुए हिसुआ व राजगीर के रास्ते नालंदा व बिहारशरीफ पहुंच सकेंगे। फोन लेन में निर्माण हो रही इस सड़क के बनने से नालंदा और राजगीर से बोधगया आवागमन करने वाले लोगों को सुविधा होगी। तीन से चार जिलों का सीधा संपर्क स्थापित हो जाएगा।
फोरलेन सड़क निर्माण में जुड़े अधिकारी बताते हैं कि आने वाले दिनों में यह रोड नेशनल हाईवे के रिंग रोड के तौर पर कार्य करेगी। पटना से बख्तियारपुर तक की सड़क पूर्व से ही फोरलेन है। बख्तियारपुर से बिहार शरीफ रोड होते हुए रजौली तक फोरलेन सड़क बनाने का काम चल रहा है। राजधानी पटना से बिहार शरीफ तक जाने वाले लोग इस सड़क से होकर गुजरेंगे। पटना से बोधगया जाने वाले लोगों के लिए दूसरा विकल्प के तौर पर डोभी-गया-पटना फोर लेन मौजूद होगा।