बिहार सरकार ने बालू ठीकेदारों के लिए लाई ये सख्त नियम, ढुलाई को लेकर बनाई गई नई योजना

Bihar Sand Mining: बिहार के 28 जिलों में बालू घाटों के बंदोबस्त की प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में चल रही है। इस कड़ी में कुछ जिलों में 10 से 11 अक्टूबर के बीच टेंडर को अंतिम रूप दिया जाएगा। वहीं कुछ जिलों में 17 से 20 अक्टूबर के बीच यह प्रक्रिया पूरी होने की संभावना जताई जा रही है। वही अब इस मामले पर खान एवं भूतत्व विभाग के ठेकेदारों ने बालू धुलाई के नियमों को सख्त करते हुए कुछ नई योजनाएं बनाई है, जिसके तहत नई व्यवस्था में जिन ठेकेदारों को बालू घाटों की बंदोबस्ती मिलेगी उन्हें बालू की धुलाई के पूर्व अपने सभी वाहनों पर जीपीएस जरूर लगाना होगा। इसके अलावा संबंधित वाहनों पर लोड शेल उपकरण का होना भी अनिवार्यता की श्रेणी में रखा गया है।

5 सालों के लिए बालू घाटों पर बंदोबस्त प्रक्रिया शुरू

गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद बिहार के सभी जिलों में बनी जिला सर्वे रिपोर्ट के आधार पर खान एवं भूतत्व विभाग के 28 जिलों में अगले 5 सालों के लिए बालू घाटों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बता दें पहली बार नई नियमावली के मद्देनजर हो रही बंदोबस्ती में नदियों को कई हिस्सों में बांटा गया है। इस नई योजना का लक्ष्य यह है कि अधिक से अधिक लोगों को बालू के ठेके प्राप्त हो सके।

गाड़ियों में जीपीएस लगाना जरूरी

जिले में बालू घाटों की जारी बंदोबस्त पर क्रिया के बीच विभाग द्वारा भी आदेश जारी किया गया है कि जिन ठेकेदारों को घाटों की बंदोबस्ती मिलेगी, उन्हें ही बालू घाटों पर खनन के बाद इसकी धुलाई के पूर्व अपने वाहनों पर जीपीएस लगाना होगा। जीपीएस वाहनों की मॉनिटरिंग मुख्यालय मैं बैठे अधिकारी करेंगे। साथ ही वाहनों पर लोड शेल भी लगाया जायेंगे।

अवैध धुलाई के मामलों में आयेगी कमी

इस कड़ी में विभाग के सूत्रों द्वारा साझा जानकारी में यह भी बताया गया कि सड़क परिवहन उच्च मार्ग मंत्रालय के निर्देश पर बालू धुलाई वाले वाहनों पर जीपीएस लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जीपीएस लगे वाहनों की मुख्यालय में बैठे अधिकारी खुद ट्रैकिंग करेंगे। इस व्यवस्था के प्रभावी होने से आसानी से पता लगाया जा सकता है कि बालू लदे ट्रक या ट्रैक्टर का गंतव्य स्थान क्या रहा…? इसकी सप्लाई कहां की गई..?. साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि बालू की अवैध धुलाई तो नहीं हो रही। सरकार के इस नए नियम के साथ बालू के अवैध धुलाई के मामलों में गिरावट आएगी।

Kavita Tiwari