kele ki kheti : पारंपरिक तकनीकों को छोड़ आज खेती करने की कई नई तरह की तकनीकी आ गई है। ऐसे में सरकार भी इन नए तरीकों और नई तकनीकों के प्रयोग को प्रोत्साहन देने के मद्देनजर किसानों को सब्सिडी देकर (Subsidy on Farming) प्रोत्साहित कर रही है, जिसका फायदा खेती किसानों में किसानों की बढ़ती हुई आमदनी के तौर पर देखा जा सकता है। इस कड़ी में अब बिहार सरकार (Bihar Government) भी टिशू कल्चर (Tissue culture) से केले की खेती करने वाले किसानों को 50% का अनुदान दे रही है। ऐसे में अगर आप भी केले की खेती की प्लानिंग कर रहे हैं, तो जान ले कि बिहार सरकार केले की खेती करने पर कितनी सब्सिडी (Subsidy on Banana Farming) देगी और आप इसके लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं।
केले की खेती के लिए कितनी सब्सिडी दे रही सरकार
बिहार सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक टिशु कल्चर से खेती करने के दौरान एक हेक्टेयर में 1 लाख 25 हजार रुपये का खर्च आता है। किसानों को इसका 50% यानी करीबन 62,500 रुपये की सब्सिडी सरकार की ओर से मुहैया कराई जा रही है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को सरकार की आधिकारिक वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर आवेदन करना होगा।
केला की खेती करने वाले किसानों के लिए सुनहरा मौका, एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) योजना के अंतर्गत केला प्रति इकाई के लिए सरकार दे रही 50% का अनुदान। अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क करें।@Agribih @AgriGoI @_Sudhaker_singh @saravanakr_n pic.twitter.com/jHi9oHEcIi
— Directorate Of Horticulture, Deptt of Agri, Bihar (@HorticultureBih) August 31, 2022
क्या होता है टिशू कल्चर के जरिए खेती करना
टिशू कल्चर एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए केले की खेती में इसके उन्नत प्रजातियों के पौधे लगाए जाते हैं। इसमें पौधे स्वस्थ और रोग रहित होते हैं। खास बात यह है कि इसके विकास से लेकर इसके पुष्पन तक सब एक साथ किया जाता है। यही वजह है कि इसके फलों का आकार और प्रकार भी सब कुछ एक जैसा होता है।
टिशू कल्चर से कितने दिनों में तैयार होती है फसल
बात टिशू कल्चर से फसल के तैयार होने के कार्यकाल की करें तो बता दे टिशू कल्चर से तैयार पौधों के रोपण के 12 से 14 महीने के बाद केले की पहली फसल आनी शुरू हो जाती है। वहीं अन्य तकनीकों से केले की खेती करने पर उसमें करीबन 17 से 18 महीने बाद फल लगने शुरु होते हैं। इसके साथ ही नई तकनीक के जरिये एक पौधे से किसान को 60 से 70 किलोग्राम की फसल हासिल होती है। यानी कि किसान के मुनाफे से भी पहले के मुकाबले ज्यादा इजाफा मिलता है।, ऐसे में टिशू कल्चर के जरिए खेती करना ना सिर्फ समय की बचत होती है बल्कि इसके साथ आपको लाभ भी ज्यादा होता है।
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