Bihar Online Mutation: बिहार में ऑनलाइन म्यूटेशन यानी दाखिल खारिज में अपने सेवकों की मनमानी से तंग राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक नया नियम बनाया है, जिसके मद्देनजर विभाग लोगों को पहले आओ, पहले पाओ के फार्मूले पर इसकी सुविधा देने के मामले में विचार कर रही है। मालूम हो कि शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में मंत्री आलोक मेहता ने इस फार्मूले पर सहमति दे दी है, जिसके साथ में इसका क्रियान्वयन शुरू हो गया है।
दाखिल खारिज मामने पर सख्त राजस्व विभाग
बिहार सरकार के राजस्व विभाग द्वारा इस व्यवस्था के लागू होने के बाद म्यूटेशन के जो आवेदन पहले आएंगे, उनका सबसे पहले निपटारा किया जाएगा। इसके लिए आंचल कर्मियों को पहले ही निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इससे आंचल अधिकारी राजस्व कर्मचारी और डाटा एंट्री ऑपरेटर जैसे सरकारी सेवक म्यूटेशन के मामलों में मनमानी नहीं कर पाएंगे और समय के साथ मामलों का निपटारा किया जा सकेगा।
5 जिलों में चलाया जाएगा पायलट प्रोजेक्ट
इस मामले में प्रयोग के रूप में फिलहाल इसे समस्तीपुर, वैशाली, नवादा, सिवान और भागलपुर जिले के कुछ अंचलों में लागू किया जाएगा। परिणाम आने के बाद इसे धीरे-धीरे राज्य के सभी अंचलों में लागू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की समीक्षा के दौरान मंत्री ने शिकायतों के समाधान के लिए विभागीय व्यवस्था से जुड़ी जानकारी भी इकट्ठा कर ली है।
ईमेल और व्हाट्सएप के जरिए भी कर सकते हैं शिकायत
ताजा जानकारी में यह भी बताया गया है कि शिकायतों को सूचीबद्ध करने के लिए ईमेल और व्हाट्सएप नंबर भी जारी कर दिए गए हैं। ऑनलाइन शिकायतों की मॉनिटरिंग के लिए विभाग में एक टीम का भी गठन किया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि म्यूटेशन से जुड़े मामलों कि किसी राजस्व कार्यालय में दोबारा सुनवाई नहीं होगी। साथ ही मंत्री की ओर से यह भी बताया गया है कि म्यूटेशन सहित कई मामले खारिज किए जाने के बाद दोबारा दायर किए जाते हैं, तो उनका निष्पादन कर दिया।
अब नहीं चलेगी अंचल अधिकारियों की मनमानी
मंत्री द्वारा साझा जानकारी में यह भी बताया गया कि नई व्यवस्था के लिए 30 नवंबर तक जरूरी तकनीक प्रबंध कर लिए जाएंगे, जिसके कारण म्यूटेशन के मामले को खारिज करने वाले अधिकारियों को सूचीबद्ध किया जाएगा एवं उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी। वैकल्पिक व्यवस्था के बिना अतिक्रमण हटाने का अभियान चिंताजनक है।
आलोक मेहता ने दिये निर्देश
इस मामले में मंत्री की ओर से विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ऑपरेशन बसेरा के तहत आवंटित की गई जमीन पर अगर न्यायालय में कोई मामला प्रक्रियाधीन हो, तो न्यायालय के फैसले का इंतजार करने की जगह तत्काल प्रभाव से उनके आवास के लिए जमीन की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। इस दौरान उन्होंने 37,391 चिन्हित वास भूमि विहीन परिवारों को चालू वित्त वर्ष में आवास की भूमि उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।