खरीदना या बेचना चाहते है जमीन, तो जान ले माडल डीड पर बिहार सरकार का ये नया जरूरी नियम

Written by: Kavita Tiwari | biharivoice.com • 01 सितम्बर 2022, 1:22 अपराह्न

bihar me jamin registry: संपत्ति खरीदने और बेचने के मामले में अब मॉडल डीड उपयोग करने की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। इसके साथ ही संपत्ति निबंधन के मामले में सरकार की ओर से नए आदेश जारी किए गए हैं। अब आप दस्तावेज, नवीस अधिवक्ता या मॉडल डीड में से कोई भी विकल्प अपनी संपत्ति निबंधन के लिए चुन सकते हैं। गौरतलब है कि 1 सितंबर से राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा, गया और फुलवारी शरीफ में शत-प्रतिशत मॉडल डीड से निबंधन का आदेश 19 जुलाई को जारी किया गया था।

बदल गए जमीन खरीदने और बेचने के नियम

वहीं इस मामले को लेकर निबंधन महानिरीक्षक कार्तिकेय धनजी ने 30 अगस्त को एक पत्र जारी किया है। इस जारी पत्र संख्या 4489 के माध्यम से पूर्व आदेश को वापस ले लिया गया है। बता दें कि शत-प्रतिशत मॉडल डीड की अनिवार्यता के दस्तावेज का लेखक और अधिवक्ता लगातार विरोध कर रहे थे। सरकार के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती भी दी गई थी, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर विभाग की ओर से शत-प्रतिशत मॉडल डीड की अनिवार्यता से संबंधित इस आदेश को वापस ले लिया गया है।

बीते महीने में किसी जिले मॉडल डीड का हुआ उपयोग

गौरतलब है कि 1 सितंबर से सिर्फ मॉडल डीड से निबंधन संबंधित विभागीय आदेश को अमल में लाने के बाद राजधानी पटना के लोगों में खुशी की लहर है। बता दे राजधानी पटना जिले अवर निबंधन कार्यालय के करीब 75%, दानापुर के में 50%, बाढ़ में 35%, बिक्रम में 30% और मसौढ़ी में 30% अधिक दस्तावेज अगस्त में मॉडल डीड के आधार पर निबंधित हुए थे।

इस कड़ी में मॉडल डीड की अनिवार्यता का फैसला आने के बाद निबंधन कार्यालय में मुफ्त मॉडल डीड के लिए पांच काउंटर और कंप्यूटर प्रिंटर के साथ कर्मियों को तैनात किया गया था। इसके तहत दानापुर में दो, मसौढ़ी, बाढ़ और बिक्रम में एक-एक बूथ पर मॉडल डीड उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई थी। बता दे फुलवारी शरीफ में जुलाई महीने में 311 और अगस्त महीने में कुल 289 दस्तावेज मॉडल डीड के जरिए रजिस्टर किए गए हैं।

क्या है माडल डीड?

मालूम हो कि निबंधन कार्यालय में सहायता केंद्र पर हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा के कुल 33 प्रकार के माडल डीड उपलब्ध हैं। इस कड़ी में उर्दू में कुल 29 डीड हैं। मॉडल डीड के जरिये बिक्री पत्र, करार, किरायानामा, वसीयत, गोदनामा, ट्रस्ट सहित सभी प्रकार के दस्तावेज मुफ्त लिये जा सकते हैं। खास बात ये है कि इसके उपयोग के लिए कार्यालय कर्मी मदद भी करेंगे। साथ ही इसमें दस्तावेज नवीस को सरकारी मान्य शुल्क भुगतान नहीं करना होगा। इसके साथ ही 10 लाख से अधिक के विक्रय पत्र के लिए 2500 रुपये अधिकतम सरकारी शुल्क दस्तावेज लेखक के लिए मान्य रखी गई है। इसके अलावा अन्य सभी दस्तावेजों के लिए अलग-अलग फीस निर्धारित की गई है।

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Kavita Tiwari

मीडिया के क्षेत्र में करीब 7 साल का अनुभव प्राप्त हुआ। APN न्यूज़ चैनल से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद कई अलग-अलग चैनलों में असिस्टेंट प्रोड्यूसर से लेकर रन-डाउन प्रोड्यूसर तक का सफर तय किया। वहीं फिलहाल बीते 1 साल 6 महीने से बिहार वॉइस वेबसाइट के साथ नेशनल, बिजनेस, ऑटो, स्पोर्ट्स और एंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रही हूं। वेबसाइट पर दी गई खबरों के माध्यम से हमारा उद्देश्य लोगों को बदलते दौर के साथ बदलते भारत के बारे में जागरूक करना एवं देशभर में घटित हो रही घटनाओं के बारे में जानकारी देना है।

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