बिहार (Bihar) के पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार उपलब्ध (Employment in Bihar) कराने के मकसद से सरकार (Government) पहल कर रही है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन के दिशा निर्देश के संबंध में हायर एजुकेशन को रोजगार परक बनाने की प्राथमिकता देने पर काम शुरू हो गया है। विशेष रूप से उच्च शिक्षा के सभी व्यवसायिक कोर्सों (All professional courses of higher education) को कुछ इस तरह बनाया जा रहा है, जिनमें कौशल की ट्रेनिंग अनिवार्य होगा। डिप्लोमा, सर्टिफिकेट और डिग्री जैसे सभी व्यवसायिक कोर्सों में इसे शामिल किया जाएगा। छात्रों के लिए इंटर्नशिप भी आवश्यक होगा। बता दें कि वर्तमान कोर्स में ना कौशल ट्रेनिंग और इंटर्नशिप का प्राविधान नहीं है।
कहा जा रहा है कि नए शैक्षणिक सेशन से इन मानकों के अनुसार ग्रेजुएशन से लेकर पीएचडी स्तर तक के सभी व्यवसायिक कोर्सों की पढ़ाई प्रारंभ कर दी जाएगी। पाठ्यक्रम के नए मानक भी निर्धारित किए गए हैं। फिलहाल नया फ्रेमवर्क बनाया गया है। इस तरह से छात्रों को तैयार किया जाएगा कि उनकी पढ़ाई खत्म होने के बाद संबंधित सेक्टर में जाने का ऑप्शन मौजूद रहे। बता दें कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सरकार ने संपूर्ण उच्च शिक्षा को रोजगार परक बढ़ाने के मकसद से सिफारिश की है। सभी पाठ्यक्रमों को यूजीसी ने सभी कोर्सो को एक क्रेडिट से लिंक कर दिया है।
बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Education Minister Vijay Choudhary) बताते हैं कि बिहार के युवाओं को भविष्य के हित में देखते हुए उच्च शिक्षा में व्यवसायिक कोर्सों को बेहतर बनाने पर बल दिया जा रहा है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन के निर्धारित मानकों के अनुसार ग्रेजुएशन से लेकर परास्नातक लेवल के सभी व्यवसायिक कोर्सों को कौशल पाठ्यक्रमों से जोड़ना प्रदेश के युवाओं के लिए हितकारी साबित होगा।