बिहार (Bihar) के भागलपुर (Bhagalpur) में बीती रात जबरदस्त धमाका हुआ। इस धमाके (Bhagalpur Blast) में 2 मंजिला इमारत कुछ ही सेकेंडों में जमीनोंदोज हो गई जिसके चलते अब तक 10 लोगों की मौत (10 People Died In Bhagalpur Blast) और दर्जनों के घायल होने की जानकारी सामने आई है। धमाके के कारणों का खुलासा (Reason Behind Bhagalpur Blast) भी कर दिया गया है। दरअसल भागलपुर के काजवली चक में नवीन आतिशबाज के घर की पहली मंजिल पर चोरी-छिपे शब-ए-बरअत में बिक्री के लिए बड़े पैमाने पर बम बनाए जा रहे थे, जिसके चलते यह धमाका हुआ।
भागलपुर धमाके के कारणों का खुलासा
इस धमाके को लेकर अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक नवीन आतिशबाज के घर की पहली मंजिल पर शब-ए-बरअत की बिक्री के लिए बड़े पैमाने पर बम बनाए जा रहे थे, जिनमें रात को लहसुनिया बम, सात आवाज, सैकड़ा, क्रेकर, हजरिया अनार के अलावा सुतली और डब्बा बम भी तैयार करने का काम किया जा रहा था। पहली मंजिल के जिस कमरे में बम और पटाखे बनाए जा रहे थे, वहां दो अलग-अलग तरीके की बारूद की बोरी रखी हुई थी। बम को घातक बनाने के लिए मंसड़ और पोटाश का बड़ा प्लास्टिक डब्बा भी वहां मौजूद था।
धमाके की गूंज से सहमा शहर, कई घर के उड़े परखच्चे
मीडिया रिपोर्ट में सामने आई जानकारी के मुताबिक यह बम धमाका उस वक्त हुआ, जब बारूद में मंसड़ और पोटाश को मिलाने के दौरान चूक हो गई जिसके बाद यह घातक विस्फोट हुआ और 2 मंजिला इमारत के चंद सेकंड में परखच्चे उड़ गए। बता दे बसंत का इस्तेमाल गंधक के रूप में विस्फोट को ज्यादा विध्वंसकारी बनाने के लिए आतिशबाजी द्वारा किया जाता है।
मालूम हो कि भागलपुर में शब-ए-बारात, काली पूजा, दीपावली में लोग पटाखे के साथ-साथ सुतली और डब्बा बम भी खरीद कर जमा करते हैं। जरायम पेशेवर को भी बम बारूद की आपूर्ति चोरी छुपे आतिशबाजी करता हैं। आतिशबाज के घर बड़े पैमाने में बम बनाने का काम किया जाता है। इसी घर की दो मंजिल से अब तक छह गैस सिलेंडर अब तक बरामद किए जा चुके हैं। गनीमत यह रही कि यह सारे सिलैंडर भरे हुए हैं और पूरी तरह से सुरक्षित हालत में बरामद किए गए हैं।
भागलपुर ब्लास्ट पर फॉरेंसिक रिपोर्ट क्या कहती है
फॉरेंसिक जांच टीम में शामिल पदाधिकारियों का कहना है कि तीव्र विस्फोट मंसड़, पोटाश और बारूद के मिश्रण में चूक की वजह से हुआ। घटनास्थल से मलबा हटाने का काम अभी भी जारी है। साथ ही फॉरेंसिक टीम ने मौके से लहसुनिया बम के अवशेषों के साथ-साथ लक्ष्मी-गणेश की छोटी-छोटी मूर्तियां भी बरामद की है, जिनमें इन्हें भरा गया है।
फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से सभी सैंपल को जांच के लिए इकट्ठा कर लिया है। वहीं इस दौरान मौके पर मौजूद रहे डीआईजी सुजीत कुमार ने घटनास्थल की बारीकी से जांच पड़ताल करते हुए विस्फोट की आमद और उसके भंडार बिंदुओं की बारीकी से जांच रिपोर्ट देने की बात कही है।
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