लेट-लतीफी चल रही बिहार विश्वविद्यालयों के सत्र पर बड़ी पहल, खुद शिक्षा मंत्री ने आगे आकर की बात

बिहार के यूनिवर्सिटीज में शैक्षणिक और परीक्षा सेशन में देरी होने का मुद्दा अब तूल पकड़ने लगा है। पटना यूनिवर्सिटी को छोड़ राज्य के सभी विश्वविद्यालयों का हाल डगमगाया हुआ है, विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के सेशन में देरी होने के चलते लाखों युवाओं का भविष्य अधर में है। सत्र लेट की खबरों के बीच अब प्रदेश के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही स्थिति में सुधार होगा।

बिहार के परंपरागत यूनिवर्सिटीज में एकेडमिक और एग्जाम सेशन दोनों काफी लेट लतीफ चल रहा है। पटना यूनिवर्सिटी की स्थिति बढ़िया है। वैसे यहां लगभग 20,000 ही छात्रों की संख्या है, मगध यूनिवर्सिटी, तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी, जय प्रकाश यूनिवर्सिटी, ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी और बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर में सत्र देरी होने के मामले में नया रिकॉर्ड बना लिया है।

मगध यूनिवर्सिटी सबसे बुरा हाल 

सबसे बुरा हाल बिहार यूनिवर्सिटी और मगध यूनिवर्सिटी की है। कई बार यूनिवर्सिटी के छात्रों के द्वारा आंदोलन भी किया गया लेकिन विश्वविद्यालय के सेहत पर कोई खास प्रभाव नहीं दिखाई दिया। तीन साल में पूरा होने वाला ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए छात्रों को 5 साल लग रहा है। विश्वविद्यालय के छात्र कहते हैं कि अगर समय के साथ डिग्री नहीं दी जाती है तो भविष्य अधर में है।

राज्यपाल से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने की मुलाक़ात 

बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने राज्य के राज्यपाल फागू चौहान से भेंट की। मुलाकात के शिक्षा मंत्री ने मौजूदा हालात पर चिंता जताई। राज्यपाल के द्वारा आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही सुधार होगा। लेकिन नुकसान तो छात्रों का हो रहा है। विश्वविद्यालय में इस तरह सेशन लेट चल रहा है कि 3 साल वाला ग्रेजुएशन का डिग्री कंप्लीट 5 साल में भी कंप्लीट होता नहीं दिख रहा है। पटना यूनिवर्सिटी को छोड़ दे तो सभी विश्वविद्यालयों का यही हाल है। उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले को लेकर वाइस चांसलर की बैठक होगी।