बिहार में दाखिल-खारिज के नियमों मे हुआ बड़ा बदलाव, अब सॉफ्टवेयर के जरिये विभाग करेगा काम

अब बिहार में दाखिल-खारिज प्रक्रिया में आड-इवन नियमावली को सरकार लागू करने जा रही है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग इस प्रक्रिया के लिए नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है। अंचलाधिकारी के हाथों विषम संख्या वाले हलका के निपटारे की जिम्मेदारी होगी वहीं राजस्व अधिकारी सम संख्या वाले हलका का काम करेंगे। इसे प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए विभाग सॉफ्टवेयर तैयार कर रही है।

bihar bhumi jankari

मिली जानकारी के मुताबिक एनआईसी के द्वारा इसकी टेस्टिंग भी शुरू कर दिया गया है। नए फीचर्स जोड़े जा रहे हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से पत्र मिलते ही इसी महीने के अंत तक विभाग को सॉफ्टवेयर सौंप दिया जाएगा। जिन अंचलों में अंचलाधिकारी और राजस्व अधिकारी दोनों की नियुक्ति है, वहीं इस व्यवस्था को सरकार लागू करेगी। जिन प्रखंडों में राजस्व अधिकारी बहाल नहीं है वहां प्रभारी सीओ या सीओ पूर्व की तरह ही अपना दायित्व निर्वहन करते रहेंगे।

भूमि राजस्व विभाग के दाखिल-खारिज व अन्य मामलों का काम तेजी से किया जाए इसके लिए विभाग द्वारा पदाधिकारियों को दी गई शक्तियों को बेहद प्रभावित किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दाखिल-खारिज व विभाग के अन्य मामलों में लंबित की संख्या में बढ़ोतरी होते देख चिंता जाहिर की थी। जिसके बाद राजस्व अधिकारी का पद सृजित कर उनकी नियुक्ति की गई है ताकि इसका निष्पादन तेजी से किया जा सके।

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ऐसा काम करता है सॉफ्टवेयर

भूमि राजस्व विभाग के सुनील कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में दाखिल-खारिज की प्रक्रिया सीओ और राजस्व अधिकारी के द्वारा ऑनलाइन किया जाए इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। बता दें कि ऑड नंबर वाले हल्का का निष्पादन राजस्व अधिकारी करेंगे जबकि इवन नंबर वाले आवेदनों का काम सीओ करेंगे। मालूम हो कि विभाग के मंत्री रामसूरत राय खुद इन दिनों विभाग के काम काज को लेकर अधिकारियों पर नकेल कस रहे हैं।