Bhojpuri Ramayan: दुनिया के सबसे पुराने वैदिक पुराण रामायण को अब तक आपने हिंदी और संस्कृत भाषा में पढ़ा है, लेकिन अब आप ही से भोजपुरी में भी पढ़ सकते हैं। हालांकि इसे पढ़ने के लिए आपको काशी नगरी जाना होगा। काशी के लंका स्थित कला दीर्घा की लाइब्रेरी में रामायण का भोजपुरी वर्जन आपको मिल जाएगा। इन दिनों भोजपुरी रामायण युवाओं के बीच खासा लोकप्रियता बटोर रही है। खासतौर पर युवा वर्ग के लोग भोजपुरी रामायण को पढ़ने में खास रुझान दिखा रहे हैं और इसे पढ़ने के लिए काशी नगरी आ रहे हैं।
यहां पढ़ सकते है भोजपुरी में रामायण
रामायण के इस भोजपुरी वर्जन को पढ़ने के लिए भारी तादाद में यूपी-बिहार के लोग इस लाइब्रेरी में आ रहे हैं। भोजपुरी में रामायण को पूर्वांचल की मिट्टी के साहित्यकार इंजीनियर राजेश्वर सिंह ने लिखा है। बता दे उन्होंने इस किताब को आर्ट दीर्घा लाइब्रेरी में लोगों के पढ़ने के लिए रखा है। खास बात यह है कि बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के भोजपुरी अध्ययन केंद्र के पूर्व समन्वयक डॉ सदानंद शाही ने इस लाइब्रेरी को 2 साल पहले ही शुरू किया था। ऐसे में इस लाइब्रेरी में भोजपुरी रामायण के आ जाने से इसकी चर्चा चौतरफा हो रही है। वहीं भारी तादाद में युवा यहां भोजपुरी रामायण को पढ़ने आ रहे हैं।
भोजपुरी भाषा में रामायण को लिखने का एकमात्र मकसद इसे हर गांव और गांव के आम लोगों तक पहुंचाना है। वहीं खुद साहित्यकार इंजीनियर राजेश्वर सिंह का भी कहना है कि भोजपुरी में रामायण लिखने के बाद इसे जन-जन तक पहुंचाना ही उनका उद्देश्य है। उनका कहना है कि रामायण हमारे इतिहास का एक ऐसा पुराण है, जिसे पढ़कर हर किसी को इसके भाव को समझना चाहिए। सिर्फ गांव के लोग ही नहीं, बल्कि बीएचयू के रिसर्च करने वाले छात्र भी इस रामायण में खासा दिलचस्पी दिखा रहे हैं और इसे पढ़ने के लिए काशी नगरी आ रहे हैं।