बागेश्वर धाम सरकार है दूसरे नंबर के सबसे मंहगे कथावाचक, जाने पहले नंबर पर किसका नाम?

India’s Most Costly Katha Vachak: बागेश्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर बागेश्वर धाम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों हर जगह खबरों के गलियारों में छाए हुए हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के ‘कथित चमत्कार’ की चर्चा इस समय देश के हर कोने में हो रही है। मध्य प्रदेश के लोगों पर इन दिनों कथाओं का धार्मिक रंग चढ़ा हुआ है। यही वजह है कि बीते 6 महीने में यहां 500 से ज्यादा कथाएं हुई है और इन कथाओं पर 13 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्चा हुआ है। ऐसे में आइए हम आपको देश के सबसे महंगे कथावाचक के बारे में बताते हैं और साथ ही यह भी बताते हैं कि वह एक कथा के लिए कितनी फीस चार्ज करते हैं।

बीते 2019-2021 में लगभग देश के किसी भी कोने में कथा कार्यक्रम नहीं हुए, लेकिन बीते 6 महीने में देश के हर कोने में कथाएं हो रही है। 2021 की तुलना में साल 2022 में 18 फ़ीसदी अधिक कथाएं हुई है और इन कथाओं में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भी उमड़ी है। ऐसे में इन धार्मिक कथाओं में जमकर पैसों की बरसात भी हुई है।

कौन है कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा

मध्यप्रदेश के सीहोर में रहने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा देश के सबसे महंगी कथावाचक कहे जाते हैं। अशोक नगर में 19 से 25 सितंबर 2022 तक प्रदीप मिश्रा की ओर से कथा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कथा के आयोजक सांसद केपी. मिश्रा थे। बता दें उन्होंने इस कथा कार्यक्रम पर 1.5 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च की थी।

बागेश्वर सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा कार्यक्रम

वहीं दूसरी ओर 24 से 30 नवंबर तक बागेश्वर धाम में बागेश्वर सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा का आयोजन किया गया था। इस कथा समारोह के आयोजक विधायक जसपाल सिंह जजी रहे। बता दे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा पर उन्होंने 2 करोड रुपए खर्च किए थे। महंगे कथावाचकों की लिस्ट में किशोरी जी का नाम भी शामिल है। बता दे बीते साल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में उनकी कथा का आयोजन भी किया गया था, जिस पर 1 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई थी।

6 महीने में 500 से ज्यादा कथा कार्यक्रमों का आयोजन

मध्यप्रदेश में बीते 6 महीने के अंदर 500 से ज्यादा कथाओं का आयोजन हो चुका है। इस दौरान राजधानी भोपाल में कई कथा कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। 20 कथाओं के इस कार्यक्रम में कई करोड़ रुपए खर्च हुए। वही बात मध्य प्रदेश के अन्य जिलों की करें तो बता दें कि भोपाल के अलावा अशोक नगर में 100, सीहोर में 80, रायसेन में 50, विदिशा में 20, राजगढ़ में 150 और गुना में 70 तथा कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कथाओं पर जहां अशोक नगर में 30.80 करोड़ रुपए खर्च हुए, तो वही गुना में 2.80 करोड रुपए, सीहोर में 2 करोड रुपए, रायसेन में 17 लाख रुपए विदिशा में 34 लाख रुपए और राजगढ़ में 3.75 करोड़ रुपए खर्च हुए।

Kavita Tiwari