जब पर्दा उठता है तो ड्रामा शुरु हो जाता है और जब पर्दा गिरता है तो खेल खत्म हो जाता है। ऐसा अक्सर नाटकों में देखने को मिलता है। कुछ ऐसा ही नजारा बिहार विधान सभा में हुई लाठीचार्ज का है। बता दें कि हाल ही में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 लाया गया है यह विधेयक मंगलवार को विधानसभा में रखा गया था। जिस तरह से आम दिन बिहार विधानसभा के चला करते हैं उसी तरह से मंगलवार का दिन भी शुरू हुआ था। लेकिन, शुरुआती समय में ही विपक्ष के विधायकों ने सत्तारूढ़ पार्टी का जमकर विरोध करना शुरू कर दिया।
सभा में काफी हू-हल्ला हुआ और नए पुलिस विधेयक को वापस लेने की मांग की गई। यह मांग विपक्ष ने सदन के शुरुआती समय से ही कर दी थी। शाम होते होते सदन की कार्यवाही 4 बार स्थगित हो चुकी थी। विपक्ष के विधायकों ने मर्यादा का उल्लंघन करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के दरवाजे पर पहुंचकर उनको बंधक बना लिया। सदन का नजारा देखकर सवाल उठ रहा था की आखिर जहां पर बिहार के कानून और बजट की चर्चा की जाती है, उस जगह यह मारपीट क्यों हो रही है? विधानसभा में मौजूद एक मार्शल अध्यक्ष के गेट पर पहुंच गया लेकिन विपक्ष के विधायकों का जोर इतना था कि मार्शल कुछ नहीं कर पाया।
जिलाधिकारी और एसएसपी को आना पड़ा
इसके बाद जब मामला ज्यादा बिगड़ गया तो पटना के जिलाधिकारी और एसएसपी को बुलाया गया। जब पटना के जिलाधिकारी और एसएसपी पहुंच गए तो दोनों पक्ष में नोकझोंक हुई और विपक्ष इस बात पर अड़ा रहा कि वह विधानसभा के अध्यक्ष को नहीं छोड़ेगा। बता दें कि विपक्षी पार्टी के विधायक पुलिस विधेयक का जमकर विरोध कर रहे हैं और वह थोड़ा भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए बता दें कि जहां पर अध्यक्ष का गेट है वहां पर अध्यक्ष को रस्सी से बांध दिया गया था । वहीं पास में एक बड़ा ग्रिल था। ऐसे में जो कुछ भी वहाँ हो रहा था सदन में मौजूद लोग देख सकते हैं।
ऐसे माने विधायक
सदन में जब रिपोर्टर मौजूद होते हैं तो वह भी कैमरे के जरिए यह सारी घटना को आसानी से कैमरे में कैद कर लेते हैं। जब यह जानकारी सामने निकलकर आई तो भारी तादाद में पुलिस बल को सदन में पहुंचना पड़ा और पटना के डीएम और एसएसपी ने विपक्षी विधायक से मांग की कि वह ऐसा ना करें। लेकिन मौके पर हंगामा बढ़ता चला गया और जिन लोगों के नाम के आगे माननीय लगाकर बुलाया जाता था उनकी इज्जत की धज्जियां उड़ गई।
अध्यक्ष के गेट के आगे ग्रिल होती है साथ में एक पर्दा भी लगा होता है, पुलिस ने इस पर्दे को गिरा दिया और जब पर्दा गिर गया तो मौजूदा पुलिस ने लात, घुसे और डंडे का इस्तेमाल किया। जिसके बाद एक-एक करके सभी विधायक बाहर आ गए। जब वह बाहर आए तो कोई अपनी कमर पकड़े हुए था, किसी का गाल लाल था तो किसी के हाथ से खून बह रहा था।
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