16 साल बाद हुआ सेना के जवान का अंतिम संस्कार, जानिए शहीद का लापता होने और मिलने की कहानी

उत्तराखंड के हर्षिल में 16 साल बाद बर्फ मे दबे हुए लांस नायक अमरीश त्यागी का शव मिला, मंगलवार को उनकी डेड बॉडी उनके पैतृक गांव पहुंची। उनके अंतिम दर्शन के लिए गाँववालो की भीड़ उमड़ पड़ी। राजनीतिक, सामाजिक व पुलिस प्रशासनिक अधिकारी भी इस अंतिम यात्रा में शामिल हुए। मृतक अमरीश के भतीजे दीपक ने उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी।

लांस नायक अमरीश त्यागी

जवान के अंतिम दर्शन के लिए उनकी पत्नी व बेटी भी पहुंची। सुबह के लगभग साढ़े नौ बजे बिहार रेजिमेंट के जवान अमरीश त्यागी के पार्थिव शरीर को लेकर गंगनहर पर पहुंचे। उनके अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए यहां पहले से ही उनकी हजारों के तादाद मे लोग एकत्रित थे। फूल मालाओं से लादकर उनको नमन किया गया। हाईवे से होती हुई अंतिम यात्रा करीब एक घंटे में उनके पैतृक गांव हिसाली पहुंची।

लांस नायक अमरीश त्यागी

राजकीय सम्मान के साथ उनके गाँव मे उनका अंतिम संस्कार किया गया। चारों तरफ भारत माता की जय, जब तक सूरज चांद रहेगा अमरीश तेरा नाम रहे सरीखे नारे गुंजने लगे। उनकी अंतिम यात्रा में विधायक अजीतपाल त्यागी, ब्लाक प्रमुख राजीव त्यागी, जिला पंचायत सदस्य अमित त्यागी, जेडीयू नेता केसी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी, जिला पंचायत सदस्य पति विकास यादव, सपा के वरिष्ठ नेता श्रवण त्यागी, नितिन त्यागी के अलावा एसडीएम आदित्य प्रजापति, एसओ मुरादनगर सतीश कुमार समेत तमाम राजनीतिक, सामाजिक लोग शामिल हुए थे।

लांस नायक अमरीश त्यागी

लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षदीप गहलौत सालो पहले हुई एक पुरानी घटना के बारे में बताया कि 23 सितंबर 2005 में उत्तराखंड के आर्डनेंस कोर एक दल सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गया था। इस समूह में लांस नायक अमरीश त्यागी भी शामिल थे। साल 1996 में सेना में उनकी भर्ती हुई थी। आरोहण के दौरान चोटी से उतरते हुए पूरा दल ही लापता हो गया। लापता हुए जवान में तीन जवानों के पार्थिव शरीर कुछ समय बाद ही मिल गए थे, लेकिन अमरीश का पार्थिव शरीर तब नहीं मिला था।

लांस नायक अमरीश त्यागी

जब बहुत खोजने के बाद भी अमरीश का शव नहीं मिला तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। अब 23 सितंबर को खोदाई के दौरान अमरीश का पार्थिव शरीर उत्तराखंड के ही हर्षिल में बर्फ में दबा पाया गया। बेल्ट, नेम प्लेट आदि से उनकी प्राथमिक पहचान की जा सकी। इसके बाद रिकार्ड खंगालने पर अमरीश के पार्थिव शरीर की पूरी तरह पुष्टि हो गई। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में लाया गया।

Manish Kumar