होल्डिंग टैक्स के साथ ही अब लगेगा वाटर टैक्स, अधिकारी फील्ड मे जाकर करेगे जलापूर्ति की जांच

राज्य के नगर निकायों में नल-जल योजना के तहत पानी कनेक्शन देने और इसके वाटर टैक्स लिए जाने की जल्द ही शुरुआत होगी। नगर विकास व आवास विभाग नगर निकायों के माध्यम से टैक्स के अमाउंट की वसूली करेगी। वाटर टैक्स के लिए जो नियम लागू किए जाने वाले हैं, उसके तहत शुल्क जमा करने मे एक माह का विलम्ब होने की स्थिति मे लाभुको से दंडस्वरुप एक फीसदी की दर से ब्याज की राशि जुर्माने के रूप मे वसूली जायेगी। अगर लगातार साल भर जल कर की राशि की अदायगी नहीं की जाती है तो ऐसी स्थिति मे पानी का कनेक्शन काट दिया जायेगा। फिर यदि कोई दोबारा से पानी का कनेक्शन शुरू करवाता है तो उसे एक हजार रूपए का अतिरिक्त शुल्क जमा करना होगा। लोगों की सुविधा के लिए निकाय में होल्डिंग टैक्स के साथ ही वाटर टैक्स जमा करने की व्यवस्था की जाएगी।

वाटर टैक्स की राशि का हो चुका है निर्धारण

वाटर टैक्स की राशि कितनी होगी, इसके निर्धारण की प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है। प्रोपर्टी टैक्स के आधार पर चार श्रेणियों में अलग-अलग वाटर शुल्क निर्धारित किए गए हैं। सामान्य घरों से 40 रुपये से 150 रुपये प्रति माह की दर से वाटर टैक्स लिया जाएगा। सामान्य घरों मे वाटर मीटर नहीं लगाया जाएगा लेकिन सरकारी व निजी संस्थानों और व्‍यवसायिक प्रतिष्‍ठानों में वाटर मीटर लगाए जाएंगे। औद्योगिक इकाइयों में भी वाटर मीटर लगाए जाएंगे और उसके आधार पर पानी के बिल की राशि वसूली जायेगी।

रोजाना सुबह में की जानकारी लेने जायेंगे अफसर

हर घर नल का जल योजना के तहत अब तक मे 95 फीसदी से भी अधिक घरों में पानी का कनेक्शन लगाया जा चुका है। राज्य सरकार की तरफ से अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि हर घर नल का जल योजना के सही से क्रियान्वन की निगरानी करने के लिए हर रोज़ सुबह दो घंटे फील्ड में जाकर वस्तुस्थिति का निरीक्षण करें।

सोमवार से इसकी शुरुआत भी कर दी गई है। प्रत्येक दिन की समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर प्रत्येक महीने की आखिरी तिथि को काम में कोताही करने वाले एजेंसी व अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। फील्ड मे जाने के बाद अधिकारियों ने क्या देखा और किस वार्ड में एजेंसी ने काम में कोताही की है, अधिकारियों को इसका रिपोर्ट बनाने के लिए कहा गया है। जिसकी ऑनलाइन समीक्षा पीएचइडी सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव देर शाम में हर दिन करेंगे।

फील्ड मे किस तरह निगरानी की जायेगी, और इसके लिए अधिकारियों को क्या क्या निर्देश दिए गए हैं, इसे बिन्दुवार दर्शाया जा रहा है-

  • वार्डों में लगाया गया है सेंसर, काम कर रहे हैं
  • अधिकारी किस तरह से फोन से ले रहे हैं लाभुक से योजना की जानकारी
  • लाभुकों को कंट्रोल रूम से क्या फायदा हो रहा है, शिकायत करने पर कितने दिनों में हो रही कार्रवाई
  • ब्लॉक अधिकारी व जनप्रतिनियों से भी समय-समय पर फीडबैक लेने जाते हैं या नहीं
  • एजेंसी के काम से संतुष्ट हैं या नहीं , कहां -कहां काम में कोताही की गयी है.
  • पाइप लाइन बिछाने में कहीं कोई कोताही की गयी है या नहीं
  • जलापूर्ति योजना ब्रेक होने पर कितने समय में ठीक किया जाता है।
Manish Kumar

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