पटना के बाद दरभंगा बना बिहार का एजुकेशन हब, इन जिलों मे आ रहे लाखों की संख्या मे स्टूडेंट

Written by: Manish Kumar | biharivoice.com • 29 अक्टूबर 2021, 10:00 पूर्वाह्न

ऑल इंडिया हायर एजुकेशन ने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित किया है, जिसके अनुसार बिहार में शिक्षण संस्थाओं की असल संख्या 916 हो है। लेकिन इनमें से 57 फीसदी उच्च शिक्षण संस्थान केवल बिहार के 10 जिलों में हैं। रिपोर्ट के अध्ययन से यह जानकारी भी सामने आई है कि प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन होने वाले करीब 16 लाख विद्यार्थियों में 69 फीसदी केवल 12 जिलों के उच्च शिक्षण संस्थानों में हुए। इन आकड़ाें से यही निष्कर्ष निकलता है कि उच्च शिक्षा के अवसर कुछ बड़े शहरों और जिलों में सिमटते जा रहे हैं।

शैक्षणिक सत्र 2019-20 के आकड़ों पर आधारित रिपोर्ट से यह मालूम होता है कि वैसे जिले जहां कम शिक्षण संस्थानों हैं, विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए अपने शहर या जिले से बाहर का रुख करना पड़ रहा है। इसी प्रकार कुछ जिलों के शिक्षण संस्थानों में उनकी क्षमता के मुकाबले कई गुना अधिक विद्यार्थियों का दबाव है। यहाँ प्रति शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों की संख्या तीन से चार हजार के बीच तक है, जो राष्ट्रीय अनुपात की तुलना में लगभग दोगुना है।

विद्यार्थियों का सबसे ज्यादा घनत्व पूर्वी चंपारण एवं बेगूसराय जिले में

रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, पूर्वी चंपारण और गया जिले के उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों का घनत्त्व सर्वधिक है। इन दोनों जिलों में प्रति शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों का घनत्व क्रमश: 3858 और 3566 पाया गया है। प्रदेश के प्रति शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों के सर्वाधिक घनत्व वाले जिलों में भागलपुर में 2879,समस्तीपुर में 2685,भोजपुर में 2365, दरभंगा में 2337, मधुबनी में 2135, रोहतास में 2117, पटना में 1800, गया में 1575, नालंदा में 1442, मुजफ्फरपुर में 1117 शामिल किए गए हैं।

इन जिलों में शिक्षण संस्थानों में 50 हजार से अधिक विद्यार्थी का एडमिशन लिया गया है। बिहार में एक लाख से अधिक नामांकन वाले दो जिले की पहचान की गई हैं। इनमें सर्वाधिक नामांकन 2019-20 के शैक्षणिक सत्र में पटना जिले में 277222 और दरभंगा में 130873 हुए। 99378 नामांकन समस्तीपुर में किये गये थे। शिवहर, लखीसराय, जमुई, शेखपुरा, अरवल, सुपौल और किशनगंज में दस से कम उच्च शिक्षण संस्थान हैं। गौरतलब है कि इन प्रदेश में नामांकन और उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकन का अनुपात कमोबेश बना रहता है।

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Manish Kumar

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