PM Vishwakarma Yojana: अगर आप अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं लेकिन आपके पास उसे शुरू करने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं है, तो सरकार की उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की इस योजना का लाभ उठाकर आप भी बिजनेसमैन बन सकते हैं। बता दे सरकार हर वर्ग के व्यक्तियों के लिए एक कल्याणकारी योजना लेकर आई है। मोदी सरकार की ओर से यह योजना खास तौर पर देश के श्रमिकों, कारीगरों और शिल्पकारों की आर्थिक मदद के लिए शुरू की गई है। इसका नाम पीएम विश्वकर्मा योजना है।
दरअसल 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना के बारे में विस्तार से बात की थी। वही 16 अगस्त को केंद्रीय कैबिनेट की ओर से इसे मंजूरी भी मिल गई है। अब आप इस योजना का लाभ उठाकर अपना कारोबार खोल सकते हैं।
13000 करोड़ रुपए की लागत से शुरु होगी पीएम विश्वकर्मा योजना
बता दे 5 साल की अवधि के लिए 13000 करोड़ रुपए की लागत वाली इस योजना के तहत सुनार, लोहार, बुनकर कपड़े धोने वाले श्रमिकों और नाई समेत कई पारंपरिक कारीगरों व शिल्पकारों के लगभग 30 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ देने की योजना बनाई गई है। बता दे यह योजना विश्वकर्मा जयंती के मौके पर 17 सितंबर से शुरू की जाएगी। ऐसे में आइये हम आपको बताएं कि पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है? और कैसे आप पीएम विश्वकर्म योजना का लाभ उठाकर अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं?
क्या है पीएम विश्वकर्मा योजना?
मोदी केबिनेट से इस फैसले को मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव में इससे जुड़ी जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस योजना का उद्देश्य देश के छोटे-छोटे कस्बों में कुम्हार, लोहार, सुनार, धोबी, फूलों का काम करने वाले, राजमिस्त्री, मछली का जाल बनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले और मूर्तिकारों जैसे कई कौशल कार्यों से जुड़े लोगों के व्यापार के दायरे को आगे बढ़ाना है। साथ ही उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि- ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इन वर्गों का महत्वपूर्ण स्थान है। ऐसे में इन सभी कारीगरों को आर्थिक रूप से मजबूत करना मंत्रिमंडल द्वारा शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना का एकमात्र उद्देश्य है और इसी उद्देश्य के चलते इस योजना को मंजूरी दी गई है।
क्या है विश्वकर्मा योजना की खासियत?
अब बात विश्वकर्मा योजना की खासियत की करें तो बता दे कि इस योजना के तहत इन बातों पर खासतौर पर ध्यान दिया जाएगा कि इन वर्गों का किसी भी तरह से अधिक कौशल विकास हो। साथ ही नए प्रकार के उपकरणों एवं डिजाइन की जानकारी भी इन्हें दी जाएगी। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत इन सभी कामगारों को उपकरण खरीदने में भी मदद की जाएगी। साथ ही इसके तहत 2 प्रकार का कौशल विकास कार्य होगा, जिसमें पहले बेसिक और दूसरा एडवांस होगा। इस कोर्स को करने वाले व्यक्ति को मानदेय भी दिया जाएगा। कौशल विकास प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी हर दिन ₹500 के हिसाब से मानदेय भी हासिल कर सकते हैं।
5% की ब्याज दर से मिलेगा लोन
साथ ही बता दे कि इस योजना के तहत पहले चरण में 1 लाख तक का कर्ज़ लिया जा सकता है, जिस पर आपको 5% का ब्याज चुकाना होगा। व्यवस्था को व्यवस्थित करने के बाद दूसरे चरण में 2 लाख रुपए के हिसाब से वीआईपी ऋण दे दिया जाएगा। इसके साथ-साथ आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए ₹15000 की मदद भी की जाएगी। साथ ही कामगरों को डिजिटल लेनदेन के प्रोत्साहन और मार्केट में भी सपोर्ट किया जाएगा। सरकार की ओर से पीएम विश्वकर्म योजना को लेकर साझा की गई जानकारी के मुताबिक इस योजना के तहत शिल्पकारों, कारीगरों और कामगरों को प्रमाण पत्र प्रदान कर मान्यता भी दी जाएगी और पहचान पत्र भी बांटे जायेंगे।
कौन-कौन उठा सकता है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना के तहत पहले चरण में 18 पारंपरिक कार्य करने वालों को इस योजना का लाभ उठाने का मौका दिया जा रहा है, जिसमें नौका बनाने वाले, बढ़ई, हथोड़ा और औजार बनाने वाले लौहार, कुम्हार, पत्थर की कारीगरी करने वाले, राजमिस्त्री, चर्मकार, झाड़ू व टोकरी बनाने वाले, मछली पकड़ने वाले, धोबी, टोकरी, मछली के लिए जाल बिछाने वाले आदि कारीगरों को शामिल किया गया है।
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