चाचा पशुपति पारस ने किया चिराग पासवान का तख्ता पलट, जाने कैसा रहा है राजनीतिक जीवन

Written by: Manish Kumar | biharivoice.com • 14 जून 2021, 12:31 अपराह्न

हाल के कुछ दिनों में बिहार की राजनीति अपने पूरे शबाब पर है। अभी बिहार की राजनीतिक मे हलचल मचने का कारण  है एलजेपी मे टूट। । इसी बीच बिहार के राजनीतिक गलियारों में एक नाम अचानक से सुर्खियों बनाने लगा, पसुपतिनाथ पारस।

दरअसल पसुपतिनाथ पारस एलजेपी के नेता और दिवंगत रामविलास पासवान के छोटे भाई हैं। एलजेपी में अचानक से हुए टूट के बाद चिराग पासवान को हटाकर उनके चाचा पसुपतिनाथ पारस को पार्टी के संसदीय दल का नेता चुन लिया गया है। एलजेपी के कुल 6 सांसद हैं , जिनमें से 5 सांसदों ने चिराग पासवान से बगावत कर पसुपतिनाथ पारस को अपना नेता चुन लिया तथा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से उन्हें एक अलग गुट के रूप में मान्यता देने की मांग की है।  आइये जानते हैं एलजेपी में हुई इस टूट के मुख्य सूत्रधार पसुपतिनाथ पारस के बारे में। कौन हैं पसुपतिनाथ पारस??

पशुपति कुमार पारस का जन्म 06 jun 1957 को बिहार में हुआ था। इनके पिता का नाम जमुना दास था। पशुपति कुमार पारस दिवंगत राम विलास पासवान के छोटे भाई हैं। पशुपति कुमार पारस अलौली से पांच बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने जेएनपी उम्मीदवार के रूप में 1977 में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता। तब से वे एलकेडी, जेपी और एलजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते रहे हैं। उन्होंने बिहार सरकार में पशु और मछली संसाधन विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने हाजीपुर से 2019 का संसदीय चुनाव जीता और संसद के सदस्य बने। इसके अलावा, वे लोक जनशक्ति पार्टी की बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष हैं।

कैसा है राजनीतिक जीवन

  • 2019 :–   उन्होंने हाजीपुर से 17 वीं लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
  • 2005 :–   उन्होंने एलजेपी उम्मीदवार के रूप में अलौली से विधानसभा चुनाव लड़ा और राजद की मीरा देवी को 9711 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की। वे 2010 और 2015 में आगामी चुनाव हार गए।
  • 2000:–  उन्होंने जदयू उम्मीदवार के रूप में अलौली से विधानसभा चुनाव लड़ा और राजद के राम बृक्ष सदा को 4686 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की।
  • 1995:–  उन्होंने जदयू के उम्मीदवार के रूप में अलौली से विधानसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस के मिश्री सदा को 21699 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की।
  • 1985:–  उन्होंने एलकेडी उम्मीदवार के रूप में अलौली से विधानसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस के वाजेश्वर पासवान को 21699 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की।

एलजेपी में हुई तोड़ – फोड़ के बाद चिराग पासवान को पार्टी के अध्यक्ष को संसदीय दल का नेता, दोनों की कुर्सी से हटा दिया गया है।खबर है कि सभी बागी संसद पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में जदयू में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार में पशुपति कुमार पारस को जदयू कोटे से मंत्री भी बनाया जा सकता है।।

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Manish Kumar

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