CM Chikitsa Sahayata Yojana: बिहार सरकार (Bihar Government) अपने राज्य के लोगों को तमाम तरह की सुविधाएं मुहैया कराने के मद्देनजर कई तरह की योजनाएं (Bihar Government Yojana) चला रही है। इस कड़ी में राज्य सरकार गरीब एवं जरूरतमंद लोगों के खान-पान से लेकर उनकी चिकित्सा तक के लिए कई अलग-अलग योजनाएं चला रही है। वही अब बिहार स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Department) द्वारा मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना की शुरुआत की गई है, जिसके तहत नीतीश सरकार (Nitish Government) गंभीर और असाध्य रोगों के इलाज के लिए मरीजों को लाखों रुपए का अनुदान दे रही है।
5 लाख तक की सहायता करेगी नीतीश सरकार
बिहार सरकार की मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना में मिलने वाली राशि से कोई भी गरीब एवं वंचित परिवार गंभीर और असाध्य रोग का इलाज आसानी से करा सकता है। बता दें बिहार सरकार ने 9 रोगों और दुर्घटना में घायल लोगों के इलाज के लिए 80,000 रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक का खर्च निर्धारित किया है। क्या है बिहार सरकार की मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना… आइए हम आपको विस्तार में बताते हैं।
इन मरीजों के इलाज खर्च में सहायता करेगी नीतीश सरकार
बिहार सरकार की इस योजना में एसिड अटैक की घटना से पीड़ित रोगी को चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी के लिए 80,000 रुपए तक की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी। इसके अलावा अन्य पार्ट की सर्जरी के लिए सरकार 20,000 रुपए तक की अनुदान राशि दे रही है। इसके अलावा सरकार की इस सहायता योजना में जिन लोगों को रखा गया है, उनमें बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए 5 लाख रुपए, हीमोफीलिया के लिए 80,000 रुपए, ट्रांसजेंडर के लिए 1,50,000 रुपए, हेपेटाइटिस के लिए 1 लाख रुपए की सहायता राशि निर्धारित की गई है। इसके अलावा दुर्घटना, ट्रॉमा या ब्रेन हेमरेज के मरीजों को इलाज के लिए 1 लाख रुपए तक की अनुदान राशि बिहार सरकार की ओर से मुहैया कराई जाएगी।
बता दे मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता योजना के तहत उन लोगों को लाभ मुहैया कराया जाएगा, जिनकी सालाना आय 1,00,000 रुपए से कम होगी। बिहार सरकार सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम के तहत मान्यता प्राप्त अस्पतालों में इलाज कराने पर मदद देगी। ऐसे में यदि इन अस्पतालों से दूसरे प्रदेश में रेफर किया जाता है, तो वहां भी इन रोगियों और इलाज कराने वाले पीड़ितों के इलाज खर्च पर सरकार सहायता राशि मुहैया कराएगी।
कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ
बिहार सरकार की इस योजना से जुड़ने के लिए कागजी कार्रवाई पूरी करना बेहद जरूरी है। इस कड़ी में मरीजों के परिजन के पास श्रम प्राधिकार द्वारा निर्मित आवास प्रमाण पत्र और डीएम-एसडीओ या अंचलाधिकारी से निर्गत आय प्रमाण पत्र, राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त अस्पताल का पर्चा और मूल अनुमानित राशि के कागजात जमा कराना बेहद जरूरी है।
इन सभी कागजी कार्रवाई के बाद राज्य के सचिवालय स्थित स्वास्थ्य सेवा के निदेशक प्रमुख रूप से इसकी जांच पड़ताल का जिम्मा इस योजना के प्राधिकार कमेटी को सौपेंगे, जहां से जांच पड़ताल के बाद सहायता राशि ट्रांसफर की जाएगी। योजना में आवेदन के दौरान याद रखें कि आवेदक व्यक्ति का बिहार का निवासी होना बेहद जरूरी है।
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