बिहार सरकार दे रही भूमिहीन दलित परिवारों को जमीन, अब अपने घर के साथ हाथ में होगा रोजगार

Government Land For Dalit Families: बिहार सरकार (Bihar Government) के भूमिहीन दलित परिवारों (Landless Dalit Families) की आर्थिक मदद करने एवं उन्हें आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करने की कड़ी में जमीन आवंटित करने जा रही है। इस कड़ी में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पतिलार परिसर में शनिवार को बसवरिया पंचायत के बहुअरवा फार्म में दलित बस्ती के 130 लोगों के बीच पर्चे भी बांटे गए। इस दौरान हर एक दलित परिवार को पांच डिसमिल जमीन का पर्चा दिया गया। इस मौके पर जिलाधिकारी कुंदन कुमार के साथ कई आला अधिकारी मौजूद रहे।

दलित परिवारों के खेती के लिए जमीन देगी बिहार सरकार

कुंदन कुमार ने इस आवंटन प्रक्रिया को लेकर कहा कि पतिलार में वितरण करने का यह फायदा हुआ कि ज्यादा भी लोग आए थे। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि पर्चा अधिकारियों में चंपा देवी, उषा देवी, शीला देवी, कुंती देवी, सीता देवी सहित 130 भूमिहीनों के नाम शामिल थे, जिनके बीच जमीन वितरण प्रक्रिया के मद्देनजर 650 डिसमिल की जमीन का पर्चा वितरित किया गया। इस जमीन पर वह अपना घर बनाने के साथ-साथ खेती भी कर सकते हैं।

डीएम को किया गया सम्मानित

इस पूरे कार्यक्रम के दौरान बंदोबस्ती पर्चा वितरण के कार्य को बेहतर बनाने के लिए मुख्य सहित डीएम को अंगवस्त्र उपहार में देते हुए सम्मानित किया गया। बता दे पर्चा वितरण का कार्य खुद जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने किया। इसके साथ ही कार्यक्रम में डीएम को पतिलार एपीएचसी में महिला चिकित्सक, भवन चारदीवारी आदि की समस्याओं से अवगत करवाया।

इन मामलों को लेकर सौंपा गया ज्ञापन

इसके अलावा वार्ड नंबर 10 में बाढ़ आने से बह गए पुल का उपयोग ना होने से वहां लोगों को भारी मात्रा में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के लिए आवागमन मुश्किल हो गया है। यही वजह है कि इस बात की जानकारी भी उन्हें दी गई। इस कार्यक्रम में मुखिया रोशन तिवारी ने भी स्वागत कर बंदोबस्ती कार्यक्रम में अपनी अहम भूमिका निभाई।

इसके अलावा इस कार्यक्रम के दौरान लगुनाहा चौतरवा पंचायत के प्रतिनिधि आनंद शाही ने भी कई समस्याओं के समाधान के लिए उन्हें आवेदन पत्र सौंपा गया, जिसमें इस मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की गई। इसके साथ ही इस आवेदन में जिले के जर्जर पड़े सरकारी स्कूलों को ठीक करने की भी मांग भी की गई।

Kavita Tiwari