प्लास्टिक के कचड़े से बनेगी अब बिहार की सड़के! एक तिहाई खर्चे मे दुगनी समय तक चलेगी ये रोड

Plastic roads: बिहार (Bihar) के 259 निकायों में करीबन 17,000 टन प्लास्टिक (Plastic) और पॉलिथीन (Polythene) को डंप किया गया है। सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन (Single Use Plastic Ban) लगाने के बाद हर महीने तकरीबन 8 से 11 टन प्लास्टिक और पॉलिथीन कचरा के तौर पर निकलता है। ऐसे में अगर प्लास्टिक और पॉलिथीन पर पूरे तरीके से स्टॉप (Plastic And Polythene Ban) लगाना है, तो इस डंप कचरे के निस्तारण में करीबन 3 साल का वक्त लग सकता है। हालांकि नगर निगम एवं आवास विभाग (Municipal Corporation and Housing Department) की ओर से बनाई गई एक नई योजना के मद्देनजर इसे 6 महीने में खत्म किया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक 2 साल पहले से ही प्लास्टिक की सड़क, फुटपाथ, गमले आदि के निर्माण का कार्य चल रहा है।

आधी लागत में तीन गुना चलेगी प्लास्टिक से बनी सड़के

आरसीडी के कार्यपालक अभियंता और बेसा के पूर्व महासचिव सुनील कुमार चौधरी द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक अलकतरा से 12 फीट चौड़ी और 1 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य 1.25 करोड़ रुपए के खर्च पर संपन्न होता है। साथ ही इसकी मेंटेनेंस समय सीमा 3 से 5 साल की होती है। ऐसे में ठीक इतनी ही लंबी और चौड़ी सड़क अगर डंप प्लास्टिक या पॉलिथीन के जरिए बनाई जाए, तो उसमें 36 लाख रुपए की लागत आती है। खास बात यह है कि यह 10 से 12 साल तक टिकी रहती है।

प्लास्टिक से बनीं सड़कों के होंगा कई फायदें

ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि प्लास्टिक और पॉलिथीन से बनी सड़के कम बजट के साथ लंबे समय तक मेंटेन रहती है। साथ ही इन सड़कों के फ्लैक्सिबल होने के चलते इस पर जलजमाव, भारी वाहनों की ट्रैफिक से खराबी, एक्सीडेंट के दौरान लगने वाली गंभीर चोटों से भी निजात मिलती है।

जानकारी के मुताबिक 1 किलोमीटर सड़क के निर्माण में अलकतरा की खपत 10 टन के करीब होती है और इतनी ही लंबी सड़क बनाने में 13 से 15 टन प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे प्रदेश के सभी निकायों में सड़क के निर्माण में डंप प्लास्टिक और पॉलिथीन की पूरी तरह से खत्म भी हो जाएगी। इसके जरिए जहां एक ओर देश प्लास्टिक से मुक्त हो जाएगा, तो वहीं दूसरी ओर कम लागत में बेहतर सड़कों का भी निर्माण होगा।

Kavita Tiwari