बिहार की Mukhyamantri Udyami Yojana में बदला ये खास नियम, जान लें वरना नहीं मिलेगी अनुदान की राशि

बिहार (Bihar) की नीतीश सरकार (Nitish Government) ने राज्य के युवाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरुआत की थी। इस समय इस योजना (Mukhyamantri Udyami Yojana) की चर्चा हर जगह हो रही है। मालूम हो कि इस योजना के तहत सरकार लाभुकों को कारोबार शुरू करने के लिए 10 लाख रुपए देती है, जिसमें 5 लाख रुपए माफ कर दिये जाते है।

इस कड़ी में हाल ही में हजारों लाभार्थियों को उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन (Syed Shahnawaz Hussain) ने अनुदान की राशि सौंपी थी, लेकिन अब सरकार ने इस योजना में एक नया बदलाव किया है, जिसके तहत अब 102 के बजाय 54 तरह के व्यवसाय शुरू करने के लिए ही सरकार आर्थिक मदद करेगी। उद्यमियों को अपना ट्रेंड चेंज करने के लिए एक हफ्ता का वक्त दिया गया है। बता दें कि साल 2021-22 में 1885 लाभुकों को पहले इंस्टॉलमेंट की राशि 4 लाख रुपए दे दी गई है।

आपके सपनों को पंख देगी Mukhyamantri Udyami योजना

बता दें कि जिन लाभुकों को पहले इंस्टॉलमेंट की राशि मिल चुकी है, उन लाभुकों को ट्रेड बदलने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार ने 434 आवेदन को रिजेक्ट भी कर दिया है। आंकड़े के मुताबिक 13,366 लाभार्थियों में से 7237 लाभार्थी 54 ट्रेड में शामिल हैं, जबकि शेष 48 ट्रेड में 6429 लाभार्थी शामिल है। उद्योग विभाग के मंत्री शाहनवाज हुसैन बताते हैं कि टैक्सटाइल, लेदर और मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़े कारोबार को बढ़ावा दिए जाने से अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिलेंगे।

Mukhyamantri Udyami Yojana

10 लाख रुपए की वित्तीय मदद करेगी सरकार

सरकार ने कहा है कि योजना के लिए चयनित कोई भी लाभार्थी इस योजना के लाभ से वंचित नहीं रहेंगे। सरकार उन्हें 10 लाख रुपए वित्तीय मदद प्रदान करेगी।

Mukhyamantri Udyami Yojana

यहा करें Mukhyamantri Udyami Yojana के लिए अप्लाई

लाभार्थी पोर्टल udyamiuser.bihar.gov.in पर जा कर दिए गए गाइडलाइंस के मुताबिक अपना ट्रेड बदल सकते हैं। जिन लाभार्थियों का ट्रेड पहले से चयनित है, उन्हें दो सप्ताह के भीतर पहले इंस्टॉलमेंट की 4 लाख रुपए स्वीकृत कर दी जाएगी। मॉडल डीपीआर के तहत पहले इंस्टॉलमेंट की राशि मिलेगी। उसके बाद व्यय से जुड़े के तमाम पहलुओं को छानबीन करने बाद दूसरे किस्त की राशि मिलेगी। अनुदान राशि का 60-70 प्रतिशत पैसा मशीनरी और प्लांट पर व्यय करना है।