बिहार: सरकार की इस योजना से अब बाढ़ से मिलेगी मुक्ति, नहरों में भेजा जाएगा नदियों का पानी

बिहार सरकार (Bihar Government) ने नदियों के बहाव की तीव्रता और उफान को रोकने के लिए उसे डायवर्शन नहर में भेजने का प्लान बनाया है। इसके लिए व्यापक रूप से कार्ययोजना बनाई जाएगी। इससे बाढ़ के प्रसार पर रोक लगेगी और तटबंधों पर हो रहे अनावश्यक लोड को भी कम करेगा। साथ ही उन्हें जरूरत के अनुसार नहरों से पानी मिल सकेगा। सरकार के इस योजना से जान-माल की कम क्षति होगी। इसके लिए जल संसाधन विभाग ने कहा कि- सभी बाढ़ जोन में सिलसिलेवार कार्य योजना बनाई जा रही है। बता दें कि बिहार इस वक्त बाढ़ और सूखा (Flood and Drought In Bihar) दोनों की मार झेल रहा है। राज्य के उत्तरी हिस्से में दिन-ब-दिन बाढ़ की समस्या विकराल होती जा रही है, जबकि राज्य का दक्षिणी हिस्सा सूखे की मार झेल रहा है।

कही सूखा तो कही बाढ़, बिहार में हाहाकार

बता दें कि दक्षिण बिहार की 23 नदियां पूरी तरह सूख गई हैं, जबकि उत्तर बिहार की लगभग सारी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर है या खतरे के निशान को पार कर चुकी है। बाकी सारी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बिहार के दोनों हिस्से अलग-अलग प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है।

वहीं इस मामले पर जल संसाधन विभाग ने इससे पार पाने के लिए अपने-अपने स्तर पर योजना बनाई है। इसी कड़ी में खतरे के निशान को पार कर रही नदियों के पानी को डायवर्शन नहर में भेजने की योजना है। उत्तर बिहार की नदियां इस समय जबरदस्त उफान पर है। बड़ी नदियों के साथ ही छोटी नदियां भी विकराल रूप धारण कर चुकी है। ऐसे में विभाग ने योजना बनाई है कि इसके पानी को अधिक से अधिक फैलाया जाए।



विभाग की इस योजना का सीधे तौर पर दो तरीके से लाभ मिलेगा। पहला यह कि नदियों के उफान पर रोक लगेगी और दूसरा, कृषि के लिए पानी की उपलब्धता आसान हो जाएगी। प्रदेश में दो बड़ी नहर प्रणालियां हैं, जो नदियों के बढ़ते प्रभाव को कम कर सकती है। इनमें गंडक नहर और कोसी नहर प्रणाली हैं। इसके अलावा सोन नदी में भी पानी नहीं है। इन प्रणालियों से छोटी-छोटी नहर निकली गई हैं। इन सब में नदियों का पानी भेजने का काम चल रहा है। सरकार के इस योजना से बाढ़ ग्रस्त इलाके के लोगों को काफी राहत मिलने के आसार हैं।