बीपीएससी पेपर लीक के बाद आयोग हुआ सतर्क, CDPO परीक्षा के लिए किया चाक-चौबंध व्यवस्ठा

बिहार की शिक्षा व्यवस्था इन दिनों हाशिए पर नजर आ रही है। बिहार लोक सेवा आयोग 67वीं पीटी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हो जाने के बाद आयोग सवालों के घेरे में है लिहाजा आयोग अब किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता है। 15 मई को बाल विकास परियोजना पदाधिकारी यानी सीडीपीओ की परीक्षा आयोजित होनी है। आयोग ने निर्णय लिया है कि परीक्षा केंद्रों में सील पैकेट में रखे प्रश्नपत्र वाले रूम की निगरानी सीसीटीवी और वेब कैमरे से की जाएगी। प्रत्येक सेंटर की निगरानी वेब कैमरे के जरिए आसानी से हो सकेगी।

बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष आरके महाजन के नेतृत्व में गुरुवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक संपन्न हुई। बैठक में 21 जिले के जिलाधिकारी, एसपी और एसएसपी उपस्थित थे। आयोग के संयुक्त सचिव व परीक्षा कंट्रोलर अमरेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि 15 मई को सीडीपीओ की होने वाली परीक्षा में 11:45 बजे तक अभ्यर्थियों को केंद्र में एंट्री मिलेगा।‌ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। ओएमआर शीट में किसी तरह की छेड़छाड़ होती है, तो उम्मीदवार पर कार्रवाई होगी।

मालूम हो कि बिहार में बीपीएससी की परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामला पूरे देश में गरमाया हुआ है। पेपर लीक मामले में कई खुलासे हो रहे हैं। जांच के बाद यह खुलासा हुआ है कि रविवार को बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा शुरू होने से लगभग 15 मिनट पहले ही कई अभ्यर्थियों के मोबाइल फोन पर क्वेश्चन पहुंच गया था। सूत्रों की मानें तो बीपीएससी के परीक्षा कंट्रोलर तक भी क्वेश्चन पहुंच गया था।

सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र हुआ था लीक 

बता दें कि प्रदेशभर में 38 जिलों के 1083 एक्जाम सेंटरों पर लगभग छह लाख से ज्यादा अभ्यर्थी बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुए थे। एग्जाम 12 बजे शुरू हुई, किंतु अभ्यर्थियों को एग्जाम सेंटर पर एक घंटा पूर्व ही पहुंचने‌ का गाइडलाइन था। परीक्षा देने उम्मीदवार तो पहुंचे, लेकिन परीक्षा शुरू होने के कुछ देर पश्चात ही सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र लीक की खबर वायरल हो गई। परीक्षा खत्म होने के बाद टेलीग्राम पर वायरल हो रहा बीपीएससी का क्वेश्चन हूबहू मेल खा रहा था।