देश में गहरा थे वर्ल्ड फ्लू के संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने बुधवार को सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी कर पक्षियों के संदिग्ध मौत पर नजर रखने को कहा है. सरकार ने यह भी पुष्टि की है कि वह फूलों देश के 4 राज्यों में फैला है हिमाचल प्रदेश केरल राजस्थान और मध्य प्रदेश में हजारों की संख्या में पक्षी की मौत हुई है इसकी शुरुआत दिसंबर महीने के आखिरी में हुई थी दूसरी जगहों से उड़कर आने वाले पक्षियों को इस वर्ड फ्लू का कारण माना जा रहा है.
बिहार में वर्ड फ्लू का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन बिहार के लोगों के बीच इस बीमारी का डर जरूर बैठ गया है. पटना के फुलवारी शरीफ में अचानक ढेर सारी मुर्गियों की मौत से लोग घबरा गए है जानकारी के अभाव में यहां के लोग इसे बर्ड फ्लू ही समझ रहे हैं हालांकि यह दूसरी बीमारी है और इसका इलाज संभव है.
देसी मुर्गी और कबूतर में फैल रहा रोग
पटना के कुछ इलाकों में मुर्गियों में चेचक फैल रहा है. अली अशरफ चांद कॉलोनी के निवासी वहां मुर्गी पालन करते हैं. अचानक मुर्गियों की आंखों पर दाने निकलने लगे देखते ही देखते 1 सप्ताह में करीब 40 मुर्गियां मर गई. नोहसा निवासी तालिब और Rauf साहब की मुर्गियों की आंखें पर दाने निकलने के बाद मौत की बात सामने आई है. पटना के कई इलाकों Gonpura, Lahiaar Chak, Nagwan Mushari सहित तीन दर्जन इलाकों से ऐसी खबरें सामने आ चुकी है. आपको बता दें कि देसी मुर्गी और कबूतर में यह रोग फैल रहा है. इस कारण काफी संख्या में मुर्गियां मर रही है साथ-साथ कबूतर भी मर रहे हैं.
असहनीय दर्द के कारण होती है मौत
वेटनरी डॉक्टर आर के पांडे ने बातचीत के दौरान बताया कि सफेद मल मुर्गी को ठंड के कारण होता है. यह एक प्रकार का डायरिया रोग होता है. इसमें मुर्गी की शारीरिक शक्ति खत्म हो जाती है और मौत हो जाती है. इस बीमारी से बचाव के लिए मुर्गी पालकों को टीका लगाना चाहिए. वहीं फुलवारी शरीफ की प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ Simu ने बताया कि मुर्गी के आंख पर दाने निकलना चेचक रोग है. दाने आंख, पंख, पैर और गले में निकल जाते हैं. इससे दर्द काफी बढ़ जाता है और असहनीय दर्द होने के कारण मुर्गियों की मौत हो जाती है. इसके बचाव के लिए टीका लगाया जाता है जिसने टिका लगवाया है उसकी मुर्गी को यह रोग नहीं होता.
नवादा में दो कौवे मृत मिले
रविवार को नवादा नगर के सोनार पट्टी रोड स्थित विजय सिनेमा हॉल के पास दो कौवे मृत मिले. चारों तरफ वर्ल्ड फ्लू के चर्चाएं गर्म है तो इस बात की खबर पूरे शहर में फैल गई. कौवे के मृत पाए जाने की सूचना मिलने पर पशुपालन विभाग के पशुधन कार्यकर्ता शिवनंदन चौधरी पहुंचे. उन्होंने कौवे को जमीन में दफना दिया आसपास के स्थान को सैनिटाइज कराया गया. डॉक्टर श्रीनिवास कुमार शर्मा ने बताया कि नवादा जिले में बर्ड फ्लू का असर नहीं है. लोगों को डरने की जरूरत नहीं है इस समय ठंड का मौसम चल रहा है ठंड लगने से भी कौवे की मौत हो सकती है.
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