योजना के अनुसार सारे कार्य पूरा किए जाने पर झारखंड में एक साथ हज़ारों लोगों को रोजगार मिल सकेगा। झारखंड में धनबाद-साहेबगंज के बीच इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किए जाने की येाजना है। औद्योगिक गलियारा बनने पर एक साथ 50 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की सम्भावना जताई जा रही है।
झारखंड सरकार द्वारा धनबाद के गोविंदपुर से साहेबगंज को जोड़ने वाले हाईवे के किनारे 500 एकड़ भूमि में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने की योजना तैयार की गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा अधिकारियों को सड़क के दोनों ओर जमीन चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं। उद्योग और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिवों से भी उद्योग की संभावना, जमीन की उपलब्धता और अन्य संसाधनों का अध्ययन के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है।
साहेबगंज में झारखंड का एकमात्र बंदरगाह
मालूम हो कि धनबाद के गोविंदपुर से साहेबगंज को जोड़ने वाली सड़क की लम्बाई 311 किलोमीटर है। गौरतलब है कि धनबाद कोयला उत्पादन का हब है, जबकि साहेबगंज में झारखंड का एकमात्र बंदरगाह दो साल पूर्व ही शुरू हुआ है। अतः हाईवे और इसके नजदीक स्थित इलाकों में औद्योगिक विकास की उच्च संभावनाएं हैं।
उद्योगों के लिए कच्चा माल से लेकर तैयार माल को लाने, ले जाने मे हाईवे से काफी सहूलियत होगी। अभी यह सड़क टू लेन का है, जिसे फोरलेन का बनाया जाएगा। इसके अलावा सड़क के 50 किलोमीटर के दायरे में इंडस्ट्रियल-इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने की भी योजना है। इन सभी योजनाओं पर काम पूरा होने के बाद 50 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की सम्भावना है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा अधिकारियों को उद्योग के अतिरिक्त आवास के लिए भूमि चिह्न्ति करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने संथालपरगना प्रमंडल अंतर्गत आनेवाले सभी जिलों के उपायुक्तों को भी निर्देशित किया है। अधिकारियों से रैयतों की जमीन के अधिग्रहण के प्रतिफल के रूप में दिए जाने वाले मुआवजे और सुविधाओं आदि के आकलन करने के लिए भी कहा गया है, जिससे कि भूमि का अधिग्रहण किए जाने में कोई परेशानी ना आए।
कई सारे सहायक सड़कों का भी होगा निर्माण
गोविंदपुर-साहेबगंज रोड को औद्योगिक गलियारा के रूप में विकसित करने के दौरान कई सारे सहायक सड़कों का भी निर्माण किया जाएगा। इस निर्माण कार्य के पूरा होने के बाद सड़क के आसपास स्थापित होने वाले औद्योगिक इकाइयां मुख्य सड़क से जुड़ सकेंगी। निवेश्कर्ताओ को इकाइयां स्थापित करने के लिए भूमि मुहैया कराई जाएगी। यह सड़क आगे चलकर साहेबगंज में गंगा नदी और वहां बन रहे गंगा ब्रिज से भी जुड़ेगी, जिससे पड़ोसी राज्यों बिहार और उत्तर-पूर्व का सफर आसान होगा इससे व्यवसाय के दायरे का भी विस्तार होगा।
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