बिहार में जिस भी भवन की उँचाई नौ मीटर है या उससे अधिक है, उसके मालिको को अग्नि सुरक्षा का प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य कर दिया गया है। अग्नि सुरक्षा नियमावली 2021 में कई महत्वपूर्ण बदलाव किये गये हैं, जिसमें यह नया नियम शामिल किया गया है। अब नौ मीटर से अधिक ऊंचाई वाले शैक्षणिक भवन, 300 वर्ग मीटर वाले भवन जिसमें सभा कक्ष हो और दो से अधिक बेसमेंट वाले भवनों के लिए फायर ऑडिट अनिवार्य कर दिया गया है।
इसका उल्लंघन करने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। नियम का उल्लंघन करने वाले पर छह माह की सजा या 50 हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान् किया गया है। बता दे कि सामान्य भवन होने की स्थिति मे सभी श्रेणी के 15 मीटर या इससे अधिक ऊंचे भवन या 500 वर्ग मीटर भूतल वाले भवनों के लिए अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र या अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त कराना आवश्यक होता है।
फ्लोर एरिया के आधार पर जमा करना होगा शुल्क
अग्निशमन विभाग से आवश्यक प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन के साथ ही भवन का नक्शा अग्निशमन पदाधिकारी के कार्यालय में जमा करना होगा। साथ ही साथ फ्लोर एरिया के हिसाब से प्रति वर्ग मीटर शुल्क को बैंक ड्राफ्ट के द्वारा जमा कराना होगा। इसके साथ ही बिहार अग्निशमन सेवा के नियमो के अनुसार अग्नि प्रणाली के प्रावधान से जुड़ा प्राक्कलन भी देना होगा। प्राक्कलन के 15 प्रतिशत हिस्से को बैंक गारंटी आवश्यक अग्नि सुरक्षा उपाय कारगर स्थिति में रखा जाएगा। ऐसा ना होने की स्थिति मे बैंक गारंटी के विरुद्ध भवन में अग्नि सुरक्षा उपायों पर अग्निशमन विभाग व्यय करेगा।
विभिन्न तरह के भवनों के लिए शुल्क की दर की गई निर्धारित
औपबंधिक अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क निर्धारित किए गए हैं जो दो रुपये से 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक है। विभिन्न तरह के भवनों के लिए शुल्क की अलग अलग दर निर्धारित की गई है। आवासीय भवनों के लिए दो रुपये प्रति वर्ग मीटर, सभा भवन या संस्थानिक भवनों के लिए चार रुपये प्रति वर्ग मीटर, शैक्षणिक भवनों से छह रूपए प्रति वर्ग मीटर , वाणिज्यिक भवनों से आठ रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से जबकि भंडारण, औद्योगिक या खतरनाक भवनों के लिए 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क का निर्धारण किया गया है।
ऑडिट, अग्नि परामर्श व एनओसी नवीनीकरण के लिए आवासीय से एक रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से, सभा भवन से दो रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से, शैक्षणिक भवन से तीन रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से तो वहीं वाणिज्यिक भवन से चार रुपये वर्ग मीटर की दर से जबकि भंडारण व औद्योगिक भवनों से पांच रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क की वसूली की जायेगी।
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