एक समय था जब प्राचीन भारत में अकूल सम्पत्ति होने के कारण इसे सोने की चिड़िया कहकर बुलाया जाता था और शायद यही वजह भी थी कि भारत पर विदेशी आक्रमणकारियों के हमले होते रहते थे। कुछ लोगों का यह मानना है की हमारा देश भारत केवल मसालों के निर्यात में ही आगे था। मगर ये पूरा सच नही है, मसालों के अलावा भी भारत अन्य बहुत सी चीजों के निर्यात में भी अग्रणी देश था।
हमारा प्राचीन भारत वैश्विक व्यापार का एक बड़ा केंद्र था तभी तो अंग्रेजों ने भारत पर कब्जा किया था और जब वे भारत छोड़कर गए तो यहां की व्यवस्था खराब हो गई। लेकिन आज भी भारत की ऐसी कई जगह हैं जहां अरबों खरबों में खजाना छुपा हुआ है। जी हां, भारत में ऐसी पांच जगह हैं जहां पर लोगों द्वारा अकूल सम्पत्ति होने का दावा किया जाता है। कहा जाता है कि अगर ये सम्पत्ति किसी को मिल जाये तो वो इंसान रातों रात अमीर हो सकता है। तो चलिए आज हम आपको उन पांच जगहों के बारे में बताते हैं।
पद्मनाभस्वामी मंदिर (केरल) :-
केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित भगवान विष्णु की प्रसिद्ध पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है और साथ ही ये देश का सबसे अधिक सम्पत्ति वाला मंदिर भी हैं। ये मंदिर ना केवल अपनी भव्यता और संपत्ति के लिए बल्कि अपने अंदर छिपे रहस्यों के कारण भी सुर्खियों में बना रहता है। कहा जाता है कि इस मंदिर के तहखानों में इतना खजाना छिपा है जिसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता है। वही जब साल 2011 में कोर्ट के आदेश के बाद इस मंदिर के तहखाने के छह दरवाजों को खोला गया तो अंदर पड़े चीजों को देख हर कोई हैरान था।
आपको बतादें कि मंदिर के उन दरवाजों के अंदर आभूषण, बेशकीमती हीरे जवाहरात देखकर सभी आशचर्यचकित रह गए थे। वही बात करें अगर सम्पत्ति की तो इस मंदिर से मिली जाने वाली सभी चीजों की कीमत लगभग 22 अरब यानी करीब 1.3 लाख करोड़ रुपए आकी गई थी। हालांकि इस संपत्ति को मंदिर के ट्रस्ट को दे दिया गया था। वैसे तो तहखानों में कुल सात गेट हैं जिनमे से अभी भी सांतवा दरवाजा बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उस दरवाजे को भी खोलने का आदेश तो दिया था मगर मंदिर में आस्था रखने वालों और पुजारियों का कहना है कि इस खजाने की रक्षा भगवान विष्णु के अवतार नाग कर रहे हैं और अगर इस दरवाजे को खोला गया तो भारी तबाही का सामना करना पड़ सकता है।
सोन भंडार गुफाएं (बिहार) :-
कहा जाता है कि पांचवी शताब्दी में बिम्बिसार मगध के राजा थे और यहां उन्ही का खजाना छिपा हुआ है। जैसा कि गुफा का नाम है उससे ये साफ पता चलता है कि यहां सोने के भंडार की गुफाएं है। बिहार के राजगीर में दो गुफाएं स्थित हैं और इन गुफाओं के बारे में दावा किया जाता है कि यहां पर सोने का भंडार छिपाकर रखा गया है और इन गुफाओं में छिपे खजाने को सुरक्षित रखने के लिए इनका द्वार विशेष प्रकार से बनाया गया है। उन द्वार पर ऐसी विशेष लिपि उकेरी गई है जिसे आज तक कोई नहीं पढ़ पाया है। आपको बतादें कि गुफाओं के बारे में ये कहा जाता है कि अगर किसी ने उन उकेरी हुई लिपि को समझ लिया तो वह इसका द्वारा खोल सकता है।
कृष्णा नदी का खजाना (आंध्र प्रदेश) :-
बहुत समय पहले की बात है आंध्रप्रदेश के गुंटूर में बहने वाली कृष्णा नदी जिसे हिन्दू धर्म के लोग बेहद पवित्र मानते है, उसके तटीय इलाके अपने हीरो के लिए मशहूर थे। यही नही ये नदी दुनिया के सबसे कीमती और मशहूर कोहीनूर हीरे के लिए भी जाना जाता है जो कि यही के गोलकुंडा खादान से निकला था। कहा जाता है कि यह नदी दुनिया की सबसे बड़े हीरो की खान में से एक हैं। एक समय था जब ये नदी हीरे का प्रमुख स्त्रोत थी और दुनिया के प्रत्येक दस में से सात हीरे इसी नदी से प्राप्त होते थे। ये नदी आंध्रप्रदेश से होते हुए चार राज्यों के लिए पानी का प्रमुख स्त्रोत है।
मोक्कम्बिका मंदिर का खजाना (कर्नाटक) :-
यह मंदिर कर्नाटक के पश्चिमी घाट में कोलूर में स्थित है और यहां भी खजाने के दबे होने का दावा किया जाता है। लोगों का मानना है कि यहां जो खजाने दबे है उसकी रक्षा सांप करते हैं क्योंकि यहां पर सांप का चिन्ह भी बना हुआ है। लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि प्राचीन भारत में जिस भी जगह कोई खजाना छिपाया जाता था वहां पर कोई विशेष चिन्ह बना दिया जाता था। हालांकि यहां खजाने दबे होने के दावे के अलावा भी मंदिर में रखे जवाहारतों की कीमत करीब 100 करोड़ रुपए बताई जाती है।
जयगढ़ किला (राजस्थान) :-
ये तो सब जानते हैं कि राजस्थान किलों का गढ़ हैं और यहां बहुत से ऐतहासिक किले है जिसका एक अलग ही इतिहास है। इन्ही में से एक जयपुर के राजा मानसिंह के द्वारा बनवाया गया जयगढ़ किला है जहां पर बहुत सा खजाना छिपाकर रखा गया है। बतादें कि मानसिंह अकबर की सेना में सेनापति थे और उन्होंने उनकी सेना का नेतृत्व करते हुए कई युद्ध जीते थे।
कहा जाता है कि एक बार वे इसी तरह से अफगानिस्तान भी गए थे, जहां पर न केवल उन्होंने विद्रोह को कुचला था बल्कि वहां से बहुमूल्य सोना, चांदी भी लूटकर लाए थे। लेकिन फिर बाद में उस खजाने को मुगल साम्रज्य को ना सौंप कर कही छिपा दिया था। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरागांधी की सरकार के समय यहां पर खजाने की खोज का आदेश भी दिया गया था लेकिन आज तक यहां पर खजाना होने की पुख्ता जानकारी नहीं हैं हालांकि लोगों का मानना है कि आज भी यहां कहीं न कही कोई खजाना छिपा हुआ है।
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