देश में डिजिटलीकरण का दौर चल रहा है बैंकिंग सेक्टर से लेकर शॉपिंग मॉल, दुकाने हर क्षेत्र में भारत डिजिटल की ओर बढ़ रहा है. मतदाता पहचान पत्र (Voter ID Card) अब डिजिटल होने जा रहा है, यानि बहुत जल्द वोट डालने के लिए आपका स्मार्टफोन ही काफी होगा. जिसमें आपका चुनाव पहचान पत्र मौजूद होगा, चुनाव आयोग इस पर विचार कर रहा है, जिसे बहुत जल्द ही शुरू किया जा सकता है. जिस तरह आप अभी हवाई यात्रा या ट्रेन का टिकट (Train Tickets) मोबाइल फोन में कैरी कर पाते हैं, उसकी तरह अब वोटर कार्ड भी रख सकेंगे.
अभी मतदान केंद्र पर हम वोटर आईडी कार्ड की हार्ड कॉपी लेकर जाते हैं और वोट देते हैं, जिनके पास वोटर आईडी कार्ड नहीं होता वो दूसरे पहचान पत्रों को दिखाकर वोट देते हैं जिनकी इजाजत चुनाव आयोग की ओर से दी गई है. हर चुनाव से पहले सभी के लिए वोटर स्लिप भी जारी की जाती है. Voter ID Card देश में यह पहचान और पते के सबूत के तौर पर काम आता है.
आपको मोबाइल पर Epic के लिए क्या करना होगा?
जो भी व्यक्ति अपना वोटर आईडी कार्ड बनवाना चाहेगा, उसे आवेदन करते समय चुनाव आयोग को अपना मोबाइल नंबर, ई-मेल भी देना होगा. जब व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में आ जाएगा तो उसे इसकी जानकारी SMS और ई-मेल के जरिए दी जाएगी. एक OTP ऑथेंटिकेशन के जरिए नया मतदाता वोटर आईडी कार्ड को डाउनलोड कर सकता है और अपने मोबाइल या लैपटॉप में सेव कर सकता है.मौजूदा वोटर्स को चुनाव आयोग के सामने अपनी जानकारियों को दोबारा वेरिफाई करवाना होगा, ठीक वैसे ही जैसे हम बैंक KYC के दौरान देखते हैं. वोटर्स को अपना मोबाइल नंबर, ई-मेल देने के बाद उसी प्रक्रिया के तहत मोबाइल में वोटर आईडी कार्ड को डाउनलोड करने की सुविधा मिलेगी. हालांकि अभी तक ये सिर्फ एक विचार है, इस पर चुनाव आयोग की तरफ से शुरुआत नहीं हुई है.
कैसा होगा डिजिटल वोटर कार्ड
अभी हमार पास जैसा वोटर आईडी कार्ड है, डिजिटल वोटर आईडी उससे काफी अलग हो सकता है. वो PDF फॉर्म में भी हो सकता है. इसमें QR कोड भी हो सकता है, जैसा कि आजकल ज्यादातर डॉक्यूमेंट्स में देखने को मिलता है. इस वोटर आईडी कार्ड को आसानी से मोबाइल में डाउनलोड किया जा सकता है. इसमें वोटर की वो सभी जानकारियां होंगी जो फिजिकल फॉर्म वाले वोटर आईडी कार्ड में होती हैं. डिजिटल वोटर आईडी कार्ड में मतदाता की तस्वीर साफ होगी जिससे वेरिफिकेशन भी आसान होगा.
कब तक मिल सकता है डिजिटल वोटर कार्ड?
सूत्रों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग इस बारे में कोई फैसला कर सकता है .अभी यह कवायद सिर्फ प्रस्ताव के स्तर पर है जिससे एक आयोग की मंजूरी की दरकार है. संभव है कि मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा और चुनाव आयुक्तों का आयोग इस प्रस्ताव को मंजूर करें.
इसकी जरूरत आखिर क्या है?
डिजिटल वोटर आईडी कार्ड से वोटर्स और चुनाव आयोग दोनों का फायदा होता है. वोटर्स के लिए सुविधा ये कि उसे अपना वोटर आईडी कार्ड चोरी होने, जलने, कटने फटने या गीला होने का डर नहीं होता. वो अपने मोबाइल में जीवन भर के लिए डाउनलोड करके रख सकता है. वोटर को चुनाव वाले दिन वोटर्स स्लिप दिखाने का झंझट भी खत्म हो जाएगा. चुनाव आयोग के लिए भी सुविधा होगी, क्योंकि वोटर आईडी कार्ड की छपाई का खर्च बचेगा.
- लाइमलाइट से कोसो दूर रहती हैअक्षय कुमार की बहन, खुद से 15 साल बड़े बॉयफ्रेंड से रचाई है शादी - August 1, 2022
- महाभारत के कृष्ण नितीश भारद्वाजअब दिखने लगे हैं ऐसे, अब इन्हे पहचान पाना है काफी मुश्किल - August 1, 2022
- क्राइम पेट्रोल होस्ट अनूप सोनी ने राज बब्बर की बेटी के लिए पहले बीबी को दिया था धोखा, रंगे हाथ गए थे पकड़े - August 1, 2022